प्राथमिक शिक्षक भर्ती का रोड़ा बना शिक्षकों का प्रमोशन, जानिए क्या है पूरा मामला
जिले में फिलहाल प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकेगी। प्राथमिक शिक्षकों को लंबे समय से प्रमोशन न मिल पाना इसकी बड़ी वजह है। विभाग न तो प्रमोशन देने को राजी है और न ही नई भर्ती करने के मूड में है।
हल्द्वानी, जेएनएन : जिले में फिलहाल प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकेगी। प्राथमिक शिक्षकों को लंबे समय से प्रमोशन न मिल पाना इसकी बड़ी वजह है। विभाग न तो प्रमोशन देने को राजी है और न ही नई भर्ती करने के मूड में है। यदि प्रमोशन होते हैं तो कम से कम 80 सीटें प्राथमिक शिक्षकों की रिक्त हो जाएंगी। जिनपर आसानी से भर्ती प्रक्रिया चलाई जा सकती है लेकिन, विभाग के अफसर कुछ और ही सोचकर बैठे हैं।
राज्य स्थापना दिवस के मौके पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने प्रदेश में तीन साल से रिक्त पड़े प्राथमिक शिक्षकों के पदों पर भर्ती शुरू करने के आदेश शिक्षा विभाग को दिए थे। जिसके बाद शिक्षा सचिव ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को इसके लिए आदेशित किया। मामले में निदेशक ने सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों (प्रारंभिक) को रिक्त पदों के सापेक्ष 20 नवंबर तक भर्ती विज्ञप्ति जारी करने का आदेश दिया था। लेकिन छह जिलों ने ही विज्ञप्ति जारी की। शेष सात जिले ऐसा नहीं कर पाए। इनमें नैनीताल जिला भी शामिल है। इसका कारण पूछे जाने पर विभाग का कहना है कि जिले में प्राथमिक शिक्षकों के पद ही रिक्त नहीं हैं। जबकि, हल्द्वानी जैसे बड़े विकासखंड में ही कई प्राथमिक स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं।
जिला मंत्री उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ नैनीताल डिकर सिंह पडियार ने बताया कि जिले में प्राथमिक शिक्षकों के प्रमोशन होने हैं। बीते दिनों इस संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। यदि प्रमोशन होते हैं तो नई भर्ती की राह खुलेगी। मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल कमलेश कुमार गुप्ता ने बताया कि पद रिक्त न होने के कारण जिले में प्राथमिक शिक्षक भर्ती विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है। शिक्षकों के प्रमोशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सभी से विकल्प मांगे गए हैं।
लेटलतीफी बनी मुसीबत
प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के प्रमोशन में शिक्षा विभाग का ढीला रवैया प्राथमिक शिक्षक भर्ती में सबसे बड़ा अड़ंगा रहा। कई बार प्रमोशन देने की मांग कर चुके शिक्षकों की यदि समय पर सुनी गई होती तो प्रमोशन मिलने के साथ ही पद भी रिक्त होते, ऐसा हो नहीं सका। शिक्षकों का कहना है कि यदि विभाग प्रमोशन करता है तो स्कूलों में कम से कम 80 सीटें रिक्त होनी तय हैं।
डायट डीएलएड संघ जता चुका है नाराजगी
जिलों द्वारा अब तक प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू न किए जाने पर डायट डीएलएड संघ भी नाराजगी जता चुका है। संगठन का मामले में कहना है कि इस देरी से उन डीएलएड प्रशिक्षितों को नुकसान हो रहा है जो भर्ती की तैयारी में लगे हुए हैं।