आरटीई के तहत 6030 बच्चों में सिर्फ 512 बच्चों ने निजी स्कूलों में पाया दाखिला
आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया पहले से पिछड़ी है। पहली लाटरी निकालकर प्राइवेट स्कूलों को दाखिला प्रक्रिया पूरी करने के लिए 6030 नौनिहालों की लिस्ट दी गई लेकिन एक माह से अधिक बीत जाने के बावजूद पहली लाटरी के साढ़े पांच हजार बच्चों को दाखिला ही नहीं मिल सका है।
हल्द्वानी, भानु जोशी : शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) की प्रवेश प्रक्रिया पहले से ही पिछड़ी हुई है। पहली लाटरी निकालकर प्राइवेट स्कूलों को दाखिला प्रक्रिया पूरी करने के लिए 6030 नौनिहालों की लिस्ट दी गई लेकिन, एक माह से अधिक बीत जाने के बावजूद पहली लाटरी के साढ़े पांच हजार बच्चों को दाखिला ही नहीं मिल सका है। केवल 512 बच्चे ही दाखिला पा सके हैं।
प्राइवेट स्कूलों ने लापरवाही बरतते हुए वेब पोर्टल पर सही तरीके से काम किया ही नहीं। समग्र शिक्षा योजना के अपर राज्य परियोजना निदेशक डा. मुकुल कुमार सती ने मामले में नाराजगी जताते हुए तीन दिन का समय दिया है। जिसके बाद अगली लाटरी निकाली जाएगी। ऐसे में पहली लाटरी में नाम आने के बाद आरटीई दाखिला मिलने की उम्मीद लगाए बच्चों को बड़ा झटका लग सकता है।
इस लापरवाही से बढ़ी परेशानी
आरटीई की पहली लाटरी 29 अगस्त को शिक्षा विभाग द्वारा देहरादून में कराई गई। जिसकी लिस्ट जिलेवार उप शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से संबंधित स्कूलों को दी गई। स्कूलों को तीन सितंबर तक सभी बच्चों के दाखिले आरटीई पोर्टल के माध्यम से कराने थे। लेकिन स्कूलों ने पोर्टल में लापरवाही भरा काम करते हुए इनराल्ड (नामांकन) बटन पर क्लिक ही नहीं किया। जबकि इनराल्ड बटन दबाने के बाद ही प्रवेश सुनिश्चित होता है।
छह जिलों ने बरती लापरवाही
राज्य में इस बार से आरटीई के प्रवेश आनलाइन करने के लिए छह जिले चुने गए। जिनमें अल्मोड़ा, चमोली, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, यूएस नगर शामिल है। इन जिलों में प्राइवेट स्कूलों ने लापरवाही भरा रवैया अपनाया।
ये है स्थिति
जिला लॉटरी में नाम नामांकित
अल्मोड़ा 251 16
चमोली 148 20
देहरादून 2089 49
हरिद्वार 615 38
नैनीताल 1031 22
यूएस नगर 1898 367