पेड़ पौधों का कटान रोकना हर नागरिक की जिम्मेदार्री
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि पेड़-पौधों के संरक्षण के लिए सामाजिक चिंतन आवश्यक है। पेड़-पौधों का कटान रोकना प्रत्येक नागरिक का सामाजिक दायित्व है।
जासं, नैनीताल : राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव डॉ ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि पेड़-पौधों के संरक्षण के लिए सामाजिक चिंतन आवश्यक है। वनाग्नि तथा पेड़-पौधों के कटान को रोकना प्रत्येक नागरिक का सामाजिक दायित्व है। महिलाओं का मानसिक विचार परिवर्तन करना जरूरी है, ताकि वह हिमालयी क्षेत्रों में पेड़-पौधों का कटान अनावश्यक रूप से न करें। ऐसी औद्योगिकीकरण नीति को बढ़ावा देना चाहिए, जो पहाड़ी क्षेत्रों के अनुकूल हो।
बुधवार को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से हिमालय दिवस पर ऑनलाइन वेबिनार आयोजित हुआ। प्राधिकरण अध्यक्ष व हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के निर्देशानुसार आयोजित वेबिनार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सदस्य सचिव, अधिवक्ता, पैरालीगल वॉलेंटियर शामिल हुए। इस मौके पर हिमालय संरक्षण की शपथ दिलाई गई। हिमालय संरक्षण के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिवों को वन विभाग के साथ पैरा विधिक कार्यकर्ताओं का समन्वय स्थापित करते हुए पहाड़ी क्षेत्रों में दावानल रोकने व अधिकाधिक पौधारोपण करने का आह्वान किया गया।
सदस्य सचिव डॉ शर्मा ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा राज्य में वृहद पौधारोपण की योजना तैयार की जा रही है। प्रत्येक न्यायिक अधिकारी के प्रति सप्ताह एक पौधा लगाने एवं संवर्धन करने पर विचार किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चमोली के सचिव सुधीर सिंह ने कहा कि उत्तराखंड की लगभग 65 प्रतिशत मैदानी क्षेत्र की आबादी को हिमालयी नदियों द्वारा जलापूर्ति होती है। ग्लोबल वार्मिंग और मानवीय हस्तक्षेप बढ़ने के कारण हिमालय के पर्यावरण पर खतरा उत्पन्न हो गया है, जिसका समय से समाधान जरूरी है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऊधमसिंह नगर के सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने कहा ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालयी क्षेत्र में संसाधनों की कमी होती जा रही है। वेबिनार का संचालन प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी मोहम्मद यूसुफ ने किया।