हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज कराएगा अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी, हाई कोर्ट ने दिया आदेश
Nainital High Court पीपी ने याचिका दायर कर कहा है कि वह हृदय रोग से पीड़ित है जब वह अस्पताल जाता है तो पुलिस उसे स्वयं की मर्जी से किसी भी अस्पताल में ले जाती है। उसने आग्रह किया कि उसका इलाज सुशीला तिवारी अस्पताल में कराया जाए।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : Nainital High Court : जेल में बंद कुख्यात अपराधी प्रकाश पांडे उर्फ पीपी (Prakash Pandey alias PP) हाई कोर्ट पहुंच गया है। उसने अपनी सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर एक याचिका दाखिल की है। साेमवार को हाई कोर्ट की खंडपीठ में इस याचिका पर सुनवाई हुई।
कोर्ट ने दिया यह आदेश
हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने चमोली जेल में बंद कुख्यात अपराधी प्रकाश पांडे उर्फ पीपी की सुरक्षा व स्वास्थ्य को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता का इलाज सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में कराया जाए। पीपी ने अन्य राज्यों की पुलिस से जान का खतरा बताया है। साथ ही जेल में खुद भोजन बनाने की अनुमति प्रदान करने की प्रार्थना की है। मामले की सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने सरकार को यह भी निर्देश दिए हैं कि जब पीपी पेशी के लिए अन्य राज्यों में जाता है तो उत्तराखंड की पुलिस ही उसे वहां ले जाए।
ये भी पढ़ें : अल्मोड़ा का प्रकाश पांडे कैसे बना अंडरवर्ल्ड डॉन ? दाऊद इब्राहिम को मारने पहुंचा था पाकिस्तान
याचिका में है यह
पीपी ने याचिका दायर कर कहा है कि वह हृदय रोग से पीड़ित है, जब वह जेल से अस्पताल जाता है तो पुलिस उसे स्वयं की मर्जी से किसी भी अस्पताल में ले जाती है। उसने आग्रह किया कि उसका इलाज सुशीला तिवारी अस्पताल में कराया जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि उसके खिलाफ कई राज्यों में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। जब वह पेशी के लिए अन्य राज्यों में जाता है तो उत्तराखंड पुलिस उस राज्य के बार्डर तक ही उसे ले जाती है। उसके बाद उन्हें संबंधित राज्य की पुलिस को सौंप दिया जाता।
ये भी पढ़ें : अंडरवर्ल्ड डॉन पीपी की शिफ्टिंग के बाद सितारगंज जेल में जाम होगा मोबाइल सिग्नल, मिले थे 80 से ज्यादा फोन
पुलिस से जान का खतरा बताया
याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि पेशी के लिए उत्तराखंड पुलिस ही उसे अपने साथ ले जाए। पीपी ने अन्य राज्यों की पुलिस से जान का खतरा बताया। याचिका में पीपी ने कोर्ट से यह भी प्रार्थना की है कि उसे जेल में स्वयं भोजन बनाने की अनुमित दी जाए, क्योंकि उसे दो बार जहर युक्त खाना दिया गया।