राज्यसभा सांसद प्रदीप का आरोप, समय पर मिलता इलाज तो नहीं मरते लोग
राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने सोमवार को एसटीएच का दौरा किया। उन्होंने बास्ती गांव के बीमार लोगों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जाना।
हल्द्वानी, जेएनएन : राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने सोमवार को एसटीएच का दौरा किया। उन्होंने बास्ती गांव के बीमार लोगों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जाना। चिकित्सा अधीक्षक को बेहतर इलाज देने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार समय पर उपचार की सुविधा उपलब्ध कराती है, तो आम लोगों की मौत नहीं होती।
उन्होंने बताया कि सरकार स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में पूरी तरह विफल रही है। जिला अस्पतालों में समय पर इलाज मिल जाता तो गंभीर स्थिति पैदा नहीं होती। पांच दिन हो गए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने कोई मुआवजा तक घोषित नहीं किया। यह चिंता का विषय है। सांसद ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने मिलावटी खाद्य पदार्थों को लेकर खाद्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए और कहा कि इन अधिकारियों की जांच की जाएगी। इस दौरान वीरेंद्र गुप्ता, कमल मेहरा, गौरव भट्ट, नफीस, संतोष कुमार, जीवन जंगपांगी, मनोज कुमार शामिल रहे।
फूड प्वाइजनिंग के पांच और मरीज पहुंचे एसटीएच
डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में बास्ती गांव के फूड प्वाइजनिंग से ग्रस्त 51 मरीजों का उपचार चल रहा है। सोमवार को छह नए मरीज भर्ती हुए। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि सभी की हालत खतरे से बाहर है।
बास्ती गांव में 29 दिसंबर को शादी समारोह के दौरान दूषित भोजन करने से 250 से अधिक बराती बीमार हो गए थे। गंभीर मरीजों को डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय भेजा गया। सोमवार को उपचार के दौरान 60 वर्षीय खिमुली देवी का निधन हो गया। छह नए मरीज भर्ती हुए। अब इस अस्पताल में 51 मरीजों का उपचार चल रहा है। चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि खिमुली देवी के सभी अंग खराब हो गए थे। उसे आइसीयू में भर्ती किया गया था, लेकिन वह बच नहीं सकी। बाकी मरीज खतरे से बाहर हैं।
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