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नशे में होने के बावजूद और पीने की जिद सवार थी प्रदीप पर, इसी जिद ने तीन घरों में किया अंधेरा

आधी रात नशे में धुत होने के बावजूद और शराब पीने की धुन ने तीन घरों में अंधियारा कर दिया। कार सवार लोग शराब लेने के लिए शाकुंतलम बैंक्वेट हॉल से देवलचौड़ जा रहे थे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 11:03 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 11:03 AM (IST)
नशे में होने के बावजूद और पीने की जिद सवार थी प्रदीप पर, इसी जिद ने तीन घरों में किया अंधेरा
नशे में होने के बावजूद और पीने की जिद सवार थी प्रदीप पर, इसी जिद ने तीन घरों में किया अंधेरा

हल्द्वानी, संदीप मेवाड़ी : आधी रात नशे में धुत होने के बावजूद और शराब पीने की धुन ने तीन घरों में अंधियारा कर दिया। कार सवार लोग शराब लेने के लिए शाकुंतलम बैंक्वेट हॉल से देवलचौड़ जा रहे थे। कार भी किसी परिचित से मांगी गई थी। चंद कदम बढ़ते ही चालक ने तीन लोगों को मारकर तीन घरों में अंधियारा कर दिया।

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पुलिस के मुताबिक जांच में पता चला है कि प्रदीप लोशाली रामपुर रोड स्थित शकुंतलम बैंक्वेट हॉल में अपने एक रिश्तेदार के विवाह समारोह में आया था। उसके साथ परिजन, दोस्त व रिश्तेदार भी थे। प्रदीप नशे में धुत होने के बाद और पीने की जिद करने लगा। वह शराब लाने के लिए परिचितों से कार मांग रहा था। गौलापार में रहने वाले दिनेश बेलवाल ने प्रदीप के जिद करने पर कार दे दी। प्रदीप ने कार स्टार्ट करते ही तेज रफ्तार में दौड़ा दी। चंद कदम आगे बढ़ते ही वह कार से नियंत्रण खो बैठा और रुद्राक्षी बैंक्वेट हॉल के बाहर खड़े लोगों को कुचलते हुए कार दीवार से टकरा दी।

घर का इकलौता चिराग था अंशुल

बालावाला देहरादून निवासी अंशुल अपने घर का इकलौता चिराग था। उसकी एक छोटी बहन आस्था है। अंशुल के पिता जगदीश प्रसाद देहरादून की एक फैक्ट्री में न्यूनतम वेतन पर काम करते हैं। पूरे परिवार की अंशुल से काफी उम्मीदें थीं। अंशुल भी इलेक्ट्रिकल इंजीनियङ्क्षरग कर परिवार के बुढ़ापे की लाठी बनना चाहता था। मंगलवार की रात हुई दुर्घटना ने पूरे परिवार की उम्मीदों को तोड़कर रख दिया। पिता समेत अंशुल की मां व बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। दोपहर में गमगीन माहौल में रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर अंशुल की देह की अंत्येष्टि कर दी गई।

सात साल से फूफा के साथ रहता था धर्मपाल

हादसे में मृत धर्मपाल मूल रूप से रामपुर जिले के कजियापुरा थाना मिलक का रहने वाला था। वह डहरिया में अपने फूफा मोहन स्वरूप के साथ रहकर सुरक्षा गार्ड का काम करता था। वह पिछले सात साल से यहीं पर था। तीन भाइयों में सबसे छोटे धर्मपाल की मौत से परिवार में मातम छाया हुआ था। परिजन पोस्टमार्टम के बाद शव को घर ले गए।

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