अधिकारियों को सस्ती व आम जनता महंगी बिजली मामले में पॉवर कॉर्पोरेशन ने पेश की रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने प्रदेश में ऊर्जा निगम के अधिकारी कर्मचारियों व रिटायर कर्मचारियों को सस्ती बिजली मुहैया कराए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
नैनीताल, जेएनएन : हाईकोर्ट ने प्रदेश में ऊर्जा निगम के अधिकारी, कर्मचारियों व रिटायर कर्मचारियों को सस्ती बिजली मुहैया कराए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। शुक्रवार को कॉर्पोरेशन की तरफ से रिपोर्ट पेश की गई जिसमें कहा गया कि उन्होंने पूर्व के आदेश का कुछ अनुपालन कर लिया है। कुछ भाग का अनुपालन वे कोविड 19 की वजह से नहीं कर पाए। मामले मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने अगली तिथि मंगलवार 18 अगस्त नियत की है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ व न्यायमुर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में देहरादून की आरटीआई क्लब ने जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा है कि सरकार ऊर्जा निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों से एक माह का बिल मात्र 100 रुपये वसूल रही है जबकि आम लोगो से 400 से 500 रुपए ले रही है। जबकि इनका बिल लाखों में आता है। इसका बोझ सीधे जनता पर पड़ रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश में कई अधिकारियों के घर बिजली के मीटर तक नहीं लगे हैं जो लगे भी है वे खराब स्थिति में हैं।
कोर्पोरेशन ने वर्तमान कर्मचारियों के अलावा रिटायर व उनके आश्रितों को भी बिजली मुफ्त में दी है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश घोषित है लेकिन यहां हिमांचल से अधिक मंहगी बिजली है जबकि वहाँ बिजली का उत्पादन तक नही होता है। घरों में लगे मीटरों का किराया पावर का कारपोरेशन कब का वसूल कर चुका है परन्तु हर माह के बिल के साथ जुडकर आता है जो गलत है जबकि उपभोक्ता उसके किराया कब का दे चुका है।