पुलिस ने कोरोना संक्रमित आरोपित को भेजा जेल, अन्य बंदियों में संक्रमण का बढ़ सकता है खतरा
एसपी सिटी हरबंस सिंह ने बताया कि अमिताभ सिंह बीमार था। थाने लाने पर उसकी कोरोना जांच की गई। जिसमें वह पाजिटिव निकला। इसके बावजूद मुखानी थाना पुलिस अपनी पीठ थपथपाने के लिए आरोपित को घटना के पर्दाफाश के समय कोतवाली ले आई।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। फायङ्क्षरग के बाद अपनी पीठ थपथपाने के लिए पुलिस ने कोरोना संक्रमित आरोपित के साथ अन्य आरोपितों व खुद खड़े होकर फोटो खिंचवाई। इसके बाद कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया। ऐसे में अन्य बंदियों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ सकता है।
मंगलवार को पुलिस बहुउद्देशीय भवन में एसएसपी पंकज भट्ट ने फायङ्क्षरग प्रकरण को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया जमीन की रंजिश को लेकर फायङ्क्षरग की गई। फायङ्क्षरग में जिस लाइसेंसी बंदूक का इस्तेमाल किया गया। आरोपित उसका लाइसेंस नहीं दिखा पाए। बताया कि आरोपित शमशेर सिंह, गुरसेवक सिंह व अमिताभ सिंह ने लाइसेंसी व अवैध असलहो से फायङ्क्षरग की थी। इधर, एसपी सिटी हरबंस सिंह ने बताया कि अमिताभ सिंह बीमार था। थाने लाने पर उसकी कोरोना जांच की गई। जिसमें वह पाजिटिव निकला। इसके बावजूद मुखानी थाना पुलिस अपनी पीठ थपथपाने के लिए आरोपित को घटना के पर्दाफाश के समय कोतवाली ले आई। जहां संक्रमित अन्य आरोपितों व पुलिस कर्मियों के संपर्क में आया। वहीं थानाध्यक्ष दीपक बिष्ट का कहना है कि सभी आरोपितों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। सवाल यह उठ रहा है कि जब एसपी सिटी ने उसके संक्रमित होने की बात कही है तो पुलिस ने उसे पेशी के बाद जेल कैसे भेज दिया।
दारोगा के सामने फायङ्क्षरग की होगी जांच
एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि आरटीओ चौकी इंचार्ज कृष्णा गिरी के सामने फायङ्क्षरग मामले की जांच एसपी सिटी हरबंस सिंह को सौंप दी गई है। उन्होंने बताया कि आरोप सही पाए जाने पर दारोगा के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।