Move to Jagran APP

पीएम आवास योजना ने पूरी की छत की उम्मीद, तराई क्षेत्र में सर्वाधिक तेजी से हुआ काम

पीएम आवास योजना के तहत नगर निकाय एवं पंचायतों संचालित होने वाली इस योजना में 1.30 लाख रुपये लाभार्थी को दिए जा रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 09:38 AM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 09:38 AM (IST)
पीएम आवास योजना ने पूरी की छत की उम्मीद, तराई क्षेत्र में सर्वाधिक तेजी से हुआ काम
पीएम आवास योजना ने पूरी की छत की उम्मीद, तराई क्षेत्र में सर्वाधिक तेजी से हुआ काम

हल्द्वानी, जेएनएन : गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी अपनी छत मुहैया कराने का सपना अब साकार होने लगा है। पीएम आवास योजना के तहत नगर निकाय एवं पंचायतों संचालित होने वाली इस योजना में 1.30 लाख रुपये लाभार्थी को दिए जा रहे हैं। तराई व मैदान के लिहाज से तो यह रकम ठीक है, मगर पहाड़ी इलाकों में इतनी रकम में घर बनाना मुश्किल हो रहा है।

loksabha election banner

ऊधमसिंह नगर में 3151 आवास तैयार, 257 निर्माणाधीन

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में 3151 लाभार्थियों को योजना का लाभ दे दिया गया है। जबकि 257 मकानों का निर्माण कार्य अभी जारी है। इस तरह कुल 3408 को इसका लाभ मिला है। योजना में 15 हजार नए लोगों को भी शामिल किया जा रहा है। जिसके लिए सर्वे कार्य मार्च में किया गया है। जिसमें ग्राम पंचायत स्तर पर टीम बनाई गई। प्रस्तावित जगह का जियो टैग भी पूरा कर लिया गया है।

पिथौरागढ़ ने पूरा किया लक्ष्य

प्रधानमंत्री आवास योजना में सीमांत जिले में प्रदर्शन अच्छा रहा। प्रारंभिक चरण में योजना के तहत पात्रों के चयन में दिक्कत आई। बाद में विकास खंडवार आवास योजना के पात्रों का नए सिरे से सर्वे किया गया। इस वर्ष का लक्ष्य 248 आवास थे जो पूरा कर लिया गया है। डीडीओ कार्यालय के अनुसार सबसे अधिक पात्र सीमांत धारचूला व मुनस्यारी के हैं।

चम्पावत में 658 आवास पूर्ण

जनपद में 943 आवास बनाने का लक्ष्य था। जिसके सापेक्ष अभी तक 658 आवास का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 258 आवासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। अब तक योजना के लाभार्थियों में 612 परिवारों को तीनों किश्त अवमुक्त हो चुकी हैं। डीपीआरओ सुरेश बैनी ने बताया अभी तक 658 परिवारों के भवन बनकर तैयार हो चुके हैं तथा 285 भवनों का भी कार्य तेजी से चल रहा है। जो जल्द पूर्ण कर लिए जाएंगे।

अल्मोड़ा में 350 आवेदकों में से 300 के आवास मंजूर 

अल्मोड़ा जिले में अल्मोड़ा व रानीखेत नगर पालिका और द्वाराहाट और भिकियासैंण नगर पंचायतों के करीब साढ़े तीन सौ से अधिक लोग इस योजना के लिए आवेदन कर चुके हैं। पालिका के अधिशासी अधिकारी श्याम सुंदर के मुताबिक जैसे-जैसे आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। उनके निस्तारण की प्रक्रिया कराई जा रही है।

बागेश्वर में 120 पीएम आवास बनकर तैयार

जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो साल में 150 आवास बनाने का   लक्ष्य रखा गया था। जिसमें 120 मकान तैयार हो गए हैं जबकि 30 मकानों का काम अभी अधूरा पड़ा हुआ है। परियोजना अधिकारी डीआरडीए शिल्पी पंत के मुताबिक योजना के तहत जरूरतमंद और मानक पूरे करने वाले पात्रों को चयनित किया जाता रहेगा। 

नैनीताल ने हासिल किया लक्ष्य

पहाड़ व मैदान के मिश्रित निकायों वाले नैनीताल जिले को 231 आवास तैयार करने का लक्ष्य मिला था। इसमें हल्द्वानी नगर निगम में आवेदक सर्वाधिक थे। बावजूद इसके नजूल भूमि के चलते यहां आवेदन सबसे ज्यादा खारिज भी हुए। 31 मार्च तक जिले में 228 आवास बनकर तैयार हो चुके हैं।

पहाड़ में कम रकम में काम मुश्किल

कम रकम में पहाड़ पर एक अदद घर बनाना भी गरीबों के लिए टेड़ी खीर हो रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के  तहत एक व्यक्ति को घर बनाने के लिए 1.30 लाख रुपये की रकम स्वीकृत की जाती है। पहाड़ की विषम भौगोलिक स्थिति व महंगी निर्माण सामग्री के चलते यह धनराशि एक कमरा बनाने के लिए भी नाकाफी हो रही है। वर्तमान में एक बजरी का कट्टा घर तक 100 रुपये तक पहुंच रहा है। सीमेंट, लोहा, लकड़ी आदि भी महंगी है। ऐसे में लोग किसी तरह खुद श्रमदान कर घर का सपना पूरा कर रहे हैं। नियमों के अनुसार 25 वर्ग मीटर में एक कमरा, किचन और एक टॉयलेट का निर्माण होना है।

यह भी पढ़ें : सीमेंट ने महंगा किया घर बनाने का सपना, डेढ़ साल बाद कीमतों में आया 40 से 45 रु का उछाल

यह भी पढ़ें : लोकसभा प्रत्याशी रमेश पोखरियाल निशंक के नामांकन को फिर मिली हाईकोर्ट में चुनौती


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.