पंतनगर एयरपोर्ट पर घने कोहरे में भी विमानों की लैंडिंग व उड़ान हो सकेगी, जानिए NAINITAL NEWS
पंतनगर एयरपोर्ट के रन-वे पर घने कोहरे (लो विजिबिलिटी) में भी विमानों की लैंडिंग व उड़ान भरने की प्रक्रिया सुगम हो गई है।
पंतनगर, सुरेंद्र कुमार वर्मा : पंतनगर एयरपोर्ट के रन-वे पर घने कोहरे (लो विजिबिलिटी) में भी विमानों की लैंडिंग व उड़ान भरने की प्रक्रिया सुगम हो गई है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने यहां 80 करोड़ रुपये की लागत से यूएस से आयातित डीएमई (डिस्टेंस मेजरिंग इक्यूपमेंट) एवं डीवीओआर (डॉप्लर वेरी हाई फ्रिक्वेंसी डाइरेक्शनल ओमिनी रेंज) जैसे अत्याधुनिक संयंत्रों को स्थापित किया है। शनिवार को दिल्ली हेडक्वार्टर से आ रही टेक्निकल टीम इसका परीक्षण करेगी। इसके बाद यह संयंत्र कार्य करना शुरू कर देंगे।
प्रदेश सरकार की उदासीनता के चलते पिछले छह वर्षों के दौरान पंतनगर में नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की परियोजना परवान नहीं चढ़ सकी। इससे आजिज भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने अपने पुराने एयरपोर्ट की मौजूदा व्यवस्था को ही फेसलिफ्ट (संरचना में बदलाव कर उच्चीकृत) करने का फैसला किया। इसके तहत डीएमई (डिस्टेंस मीजरिंग इक्विपमेंट) एवं डीवीओआर (डॉप्लर वेरी हाई फ्रिक्वेंसी ओमिनी डारेक्शनल रेंज) लगाया गया है। शनिवार को दिल्ली से पहुंच रही टेक्निकल टीम इसका परीक्षण करेगी। जिसके बाद पंतनगर में विमानों की लैंडिंग व उड़ान के लिए मात्र 1500 मीटर विजिबिलिटी की आवश्यकता होगी। जबकि वर्तमान में विमानों की सुरक्षित लैंडिंग व उड़ान के लिए कम से कम 3200 मीटर विजिबिलिटी की आवश्यकता हो रही है।
कम विजिबिलिटी में भी मिलेगी रन-वे की एक्युरेसी
एसके सिंह, डायरेक्टर, पंतनगर एयरपोर्ट ने बताया कि एयर कंडीशन के हिसाब से विमान के उड़ान भरने से पहुंचने तक डीएमई उसे कैलकुलेट कर बताता रहता है। डीवीओआर लैंडिंग के समय विजिबिलिटी कम होने पर रन-वे की एक्युरेसी देता है, जिससे पायलट को उड़ान भरने व लैंडिंग में आसानी होती है।
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