बेस अस्पताल हल्द्वानी में चार साल से फिजीशियन का संकट, वैकल्पिक व्यवस्था से चल रहा काम
बेस अस्पताल में पिछले चार साल से फिजीशियन का रोना है। छह महीने पहले लंबे समय तक फिजीशियन नहीं रहा। मरीज भटकते रहे। पिछले वर्ष डेंगू के इलाज के लिए रामनगर के फिजीशियन डा. बीडी जोशी को इस अस्पताल में तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी।
हल्द्वानी, जेएनएन : बेस अस्पताल में पिछले चार साल से फिजीशियन का रोना है। छह महीने पहले लंबे समय तक फिजीशियन नहीं रहा। मरीज भटकते रहे। पिछले वर्ष डेंगू के इलाज के लिए रामनगर के फिजीशियन डा. बीडी जोशी को इस अस्पताल में तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी। इसके बाद फिजीशियन डा. विनीता को तैनात किया गया है, लेकिन उनके अवकाश पर जाने से मरीजों के सामने फिर संकट पैदा हो गया। जब दो दिन तक मरीज इधर-उधर भटकते रहे तो एक बार फिर अस्पताल प्रबंधन ने रामनगर में कार्यरत डा. रजत भट्ट को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत तैनात किया है।
इस अस्पताल में ये सुविधाएं कब मिलेंगी, पता नहीं
बेस अस्पताल में न्यूरोसर्जन, कार्डि्रयकसर्जन, कार्डियोलॉजिस्ट, पीड्रियाट्रिक सर्जन, नेफ्रोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट, कैंसर रोग विशेषज्ञ, लीवर ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट, उदर रोग विशेषज्ञ, लैप्रोस्कोपिक सर्जन, प्लास्टिक सर्जन, न्यूरोलॉजिस्ट, मनोचिकित्सक आदि सुपरस्पेशलिस्ट नहीं है। ये सुविधाएं कब मिलेंगी, कुछ नहीं पता।
इन विभागों में भी एक ही डाक्टर
200 बेड वाले अस्पताल में केवल जनरल सर्जन, ईएनटी स्पेशलिस्ट, हड्डी रोग व चर्म रोग विशेषज्ञों की संख्या भी एक-एक ही है। यही कारण है कि एक की छुट्टी पर जाने से मरीज भटकते रह जाते हैं।
आइसीयू व एचडीयू भी महज दिखावा
आइसीयू व एचडीयू तो बना दिया, लेकिन सुपरस्पेशलिस्ट व प्रशिक्षित स्टाफ की कमी की वजह से यह महज औपचारिकता भर के लिए रह गया है।