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जय हिंद योजना के तहत डिजिटल शिक्षा ग्रहण करेंगे तीन कृषि विश्वविद्यालयों के पीजी के छात्र

शिक्षा के तीन प्रमुख संस्थानों जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विवि हिसार एवं पंजाब कृषि विवि लुधियाना ने ब्‍लैक बोर्ड सिस्‍टम को खत्‍म करेंगे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 09:56 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 10:45 AM (IST)
जय हिंद योजना के तहत डिजिटल शिक्षा ग्रहण करेंगे तीन कृषि विश्वविद्यालयों के पीजी के छात्र
जय हिंद योजना के तहत डिजिटल शिक्षा ग्रहण करेंगे तीन कृषि विश्वविद्यालयों के पीजी के छात्र

पंतनगर, सुरेंद्र कुमार वर्मा :  कृषि शिक्षा के तीन प्रमुख संस्थानों जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विवि, हिसार एवं पंजाब कृषि विवि, लुधियाना ने ब्लैक बोर्ड शिक्षण को वर्चुअल शिक्षण में बदलने के लिए हाथ मिलाया है, जिससे देश में कृषि शिक्षा की दिशा और दशा दोनों बदल जाएंगी। 

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उच्च कृषि शिक्षा में छात्रों को प्रेरित करने एवं पारंगत बनाने के लिए तीन कृषि विश्वविद्यालयों की संयुक्त पहल पर अभिनव प्रोग्राम 'जय हिंद-ज्वाइंट इनीशिएटिव ऑफ एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज इन इंडिया फॉर होनिंग एंड इंस्पायरिंग एग्रीकल्चरल ग्रेजुएट्स अंडर न्यू डाइमेंशन्स' तैयार किया गया है। देश में यह पहली बार है, जब किसी डिग्री प्रोग्राम के नियमित पाठ्यक्रमों को पढ़ाने के लिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है। यानी व्याख्यान किसी एक विवि में विषय विशेषज्ञ द्वारा दिया जाएगा, जबकि अन्य विवि के छात्रों को वर्चुअल क्लासेज के माध्यम से लाइव प्राप्त होगा। 

पंतनगर विवि के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजीत नैन ने बताया कि जय हिंद विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध साझा बौद्धिक संसाधनों पर निर्भर करेगा। इसके लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए तीन विवि के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों की पहचान की जाएगी। बताया कि शुरुआत में इस प्लेटफार्म से तीन-चार कोर्स शैक्षणिक सत्र 2019-20 के पहले सेमेस्टर से शुरू करने का प्रयास है। पंतनगर विवि में आभासी कक्ष सुविधाओं से लैस समन्वय सेल की स्थापना की गई है। जहां लाइव प्रसारित होने वाले ऑडियो-वीडियो व्याख्यान रिकॉर्ड भी किए जाएंगे और वेबसाइट पर 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे। 

कुलपतियों ने बताया समय की जरूरत

पंतनगर विवि के कुलपति डॉ. तेज प्रताप ने कहा कि संकाय संसाधनों में तेजी से कमी एवं अत्यधिक प्रतिस्पर्धी माहौल के कारण छात्रों को नवीनतम कौशल और ज्ञान से लैस करने की आवश्यकता बढ़ गई है। यह तभी संभव है जब विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के संकाय संसाधनों को नवीनतम तकनीकी का उपयोग करके एकीकृत किया जाए। इस नवाचार को कृषि मौसम विज्ञान विषय में लागू किया जा रहा है और धीरे-धीरे अन्य विषयों में ले जाया जाएगा। हरियाणा कृषि विवि के कुलपति डॉ. केपी सिंह ने कहा कि जय ङ्क्षहद की पहल कृषि शिक्षा को ब्लैकबोर्ड शिक्षण से डिजिटल शिक्षण में बदल देगी। 

पाठ्यक्रमों का चयन

समान नाम और सामग्री वाले पाठ्यक्रमों को पायलट अध्ययन के रूप में चुना जाएगा। पीजी और पीएचडी के दो-तीन पाठ्यक्रमों को प्रारंभिक रूप से चुना जाएगा और धीरे-धीरे सभी पाठ्यक्रमों को वर्चुअल क्लास रूम सुविधा के माध्यम से कवर किया जाएगा।

पाठ्यक्रम आवंटन

छात्रों की प्रतिक्रिया एवं शिक्षकों के योगदान के आधार पर तीन विश्वविद्यालयों से प्रत्येक पाठ्यक्रम के लिए एक प्रमुख शिक्षक का चयन किया जाएगा। एक-एक सहयोगी शिक्षक अन्य दो विश्वविद्यालयों के संलग्न किए जाएंगे। प्रमुख शिक्षक एवं सहयोगी पाठ्यक्रम शिक्षक एक साथ कक्षाओं और उपस्थिति की व्यवस्था करेंगे। प्रसारण के दौरान व्याख्यान को समुचित रूप से ग्रहण करने एवं उपस्थिति व अनुशासन बनाए रखने के लिए सहयोगी शिक्षक की उपस्थिति अनिवार्य होगी। आने वाले समय में परीक्षा का प्रश्न पत्र समान होगा एवं मूल्यांकन विश्वविद्यालयों की वर्तमान पद्धति के अनुसार होगा।   

क्‍या कहा शिक्षक और शोध छात्रों ने 

डॉ. प्रभजोत कौर सिद्धू, विभागाध्यक्ष मौसम विज्ञान विभाग, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना ने कहा कि मैं जय हिंद पहल का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं। इससे छात्रों का ध्यान आकर्षित होगा और शिक्षक नवीनतम ज्ञान साझा करने के लिए अपडेट रहेंगे। वहीं अभिलाष, शोध छात्र, हिसार कृषि विवि ने कहा कि मैं लाइव प्रदर्शन के माध्यम से वर्चुअल शिक्षण का अनुभव प्राप्त कर बहुत उत्साहित हूं। घर पर भी रहकर विषयों के सर्वश्रेष्ठ प्रोफेसरों से व्याख्यान प्राप्त करना, निश्चित रूप से विषय के प्रति हमारी रुचि और समझ को बढ़ाएगा। 


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