हल्द्वानी में पीएनजी लाइन बिछाने के बाद मरम्मत में देरी पर सड़क खोदेन की अनुमति रद
एचपीसीएल पिछले एक साल से हल्द्वानी में पीएनजी लाइन बिछा रहा है। नगर निगम ने 14 अक्टूबर 2021 को एचपीसीएल को 206.95 मिमी सड़क खोदान की अनुमति दी। लेकिन पीएनजी लाइन बिछाने के बाद मरम्मत में देरी पर नगर निगम ने सड़क खोदेन की अनुमति रद की है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) लाइन बिछाने के बाद सड़कों, गलियों की मरम्मत में देरी व लापरवाही के साथ ही खराब गुणवत्ता का काम करने पर नगर निगम ने रोड कटिंग की अनुमति रद कर दी है। कंपनी की पांच करोड़ जमानत राशि जब्त कर दी है। साथ ही सड़कों व नालियों की खोदाई में हुई क्षति की 12.93 करोड़ प्रतिपूर्ति राशि 15 दिन में जमा कराने के निर्देश दिए हैं।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) पिछले एक साल से हल्द्वानी में पीएनजी लाइन बिछा रहा है। नगर निगम ने 14 अक्टूबर 2021 को एचपीसीएल को 206.95 मिमी सड़क खोदान की अनुमति दी। शर्त के अनुसार, खोदाई में क्षतिग्रस्त सड़कों, रास्तों का कंपनी को पुनर्निर्माण करना था। निगम ने आठ प्रतिशत सुपरविजन चार्ज तय किया।
कंपनी 80 किमी से अधिक सड़कें खोद चुकी है, लेकिन खोदी सड़कों के पुनर्निर्माण में रुचि नहीं दिखा रही। जनता से आ रही शिकायतों को देखने हुए निगम प्रशासन ने कंपनी की सड़क खोदान अनुमित तत्काल प्रभाव से रद कर दी है। निगम ने 206.95 किमी सड़कों को बनाने के लिए 32.83 करोड़ बजट का आकलन किया था। नगर आयुक्त ने कंपनी के डीजीएम को जारी निर्देश में कहा है कि अब तक 40 प्रतिशत सड़कों का खोदान हुआ है।
ऐसे में कंपनी पर 32.83 करोड़ के 40 प्रतिशत की दर से 13.13 करोड़ व 30 किमी नाली क्षतिग्रस्त का 4.80 करोड़ मिलाकर 17.93 करोड़ देयता बनती है। बैंक जमानत के पांच करोड़ राशि निगम अपने पक्ष में आहरित करने जा रहा है। कंपनी को शेष 12.93 करोड़ 15 दिन में जमा कराने के निर्देश दिए हैं।
कंपनी ने पक्ष तक नहीं रखा
निगम प्रशासन ने सड़क मरम्मत में देरी व खराब गुणवत्ता के संबंध में कंपनी को 16 सितंबर को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा था। कंपनी ने स्पष्टीकरण नहीं दिया। कार्यशैली में भी सुधार नहीं दिखा। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
नगर आयुक्त हल्द्वानी पंकज उपाध्याय ने बताया कि एचपीसीएल की सड़क खोदान की अनुमति रद कर दी है। नगर क्षेत्र में रोड कटिंग करते पाया जाता है तो कंपनी के विरुद्ध राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के जुर्म में कार्रवाई होगी।