Forest Guard Recruitment : दौड़ में पहाड़ की सभी बेटियां पास, पुरुष वर्ग की रेस आज
गौलापार स्थित इंटरनेशनल स्टेडियम में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में शामिल महिला अभ्यर्थियों की हाइट परीक्षण के बाद दौड़ करवाई गई। खास बात यह रही कि दौड़ में हिस्सा लेने वाली कुमाऊं की सभी बेटियों ने 14 किमी की दूरी को निर्धारित समय चार घंटे से पहले ही पूरा कर लिया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : गौलापार स्थित इंटरनेशनल स्टेडियम में मंगलवार को फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में शामिल महिला अभ्यर्थियों की हाइट परीक्षण के बाद दौड़ करवाई गई। खास बात यह रही कि दौड़ में हिस्सा लेने वाली कुमाऊं की सभी बेटियों ने 14 किमी की दूरी को निर्धारित समय चार घंटे से पहले ही पूरा कर लिया। चिलचिलाती धूप से बचने के लिए किसी ने छाता पकड़ा तो कोई सिर पर कपड़ा बांधकर दौड़ा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। वहीं, बागेश्वर की दीपा व सोनम ने अव्वल आकर एक घंटा 38 मिनट में दूरी तय कर ली। दीपा पहले व सोनम दूसरे नंबर पर रही। दोनों में महज कुछ सेकेंड का अंतर था। पुरुष वर्ग की दौड़ और शारीरिक परीक्षा आज होगी।
फॉरेस्ट गार्ड भर्ती को पहली बार उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने आयोजित किया है। इससे पहले वन विभाग को यह जिम्मा मिलता था। लिखित परीक्षा पूर्व में हो चुकी है। पहले दिन महिला अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट लिया जाना था। आयोग के मुताबिक 297 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, लेकिन 266 ही स्टेडियम पहुंचे। इनमें से आठ लोग लंबाई में बाहर हो गए। इसके बाद 258 लोगों को स्टेडियम परिसर में दौड़ाया गया। जिसमें सभी लोग पास हो गए। आज पुरुष वर्ग के 494 लोगों को शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए बुलाया गया है।
वहीं, दौड़ में अव्वल रहने वाली दीपा व सोनम को प्रोत्साहित करते हुए चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने कहा कि भर्ती होने के बाद वह एथलीट के तौर पर तैयारी करें। हरसंभव मदद मुहैया करवाई जाएगी। महिला अभ्यर्थियों ने बेहतर प्रदर्शन किया। आज पुरुष वर्ग की नापजोख व दौड़ होगी। अभ्यर्थियों की संख्या ज्यादा होने के कारण थोड़ा जल्दी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। भर्ती के नोडल व एसडीओ शिवराज चंद्र, एसपी सिटी डा. जगदीश चंद्र आदि व्यवस्था बनाने में जुटे थे। चिकित्सक डा. कमल किशोर के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मुस्तैद थी।
पानी-ग्लूकोज की व्यवस्था
पहली बार फॉरेस्ट गार्ड भर्ती की पूरी जिम्मेदारी लेने वाले उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने अभ्यर्थियों के लिए बेहतर व्यवस्था की थी। दौड़ ट्रैक पर जगह-जगह पानी की व्यवस्था करने के साथ ग्लूकोज भी दिया जा रहा था। ताकि चिलचिलाती धूप में किसी की तबीयत न बिगड़े। वहीं, टै्रक पर मौजूद वन विभाग का स्टाफ उत्साह बढ़ाने में लगा था।
शादी के बाद भी सपना नहीं छोड़ा
फॉरेस्ट गार्ड भर्ती की दौड़ में कई विवाहित अभ्यर्थी भी शामिल थीं। कमलुवागांजा निवासी भावना फत्र्याल ने बताया कि शादी से पहले फार्म भरा था। लिखित परीक्षा को कोचिंग भी ली। पति व ससुराल पक्ष के लोगों का सहयोग मिलने से तैयारी करना और आसान हो गया।
क्या कहा बेटियों ने
बागेश्वर की दीपा ने कहा कि दौडऩा-भागना पहाड़ में दिनचर्या का हिस्सा होता है। पहाड़ के लोगों के लिए जंगल कोई अनजान चीज नहीं है। भर्ती होने पर पूरी मेहनत से काम करेंगे। बागेश्वर की ही सोनम ने बताया कि लिखित परीक्षा पास करने के बाद दौड़ की भी तैयारी की थी। पूरी उम्मीद है कि मेरिट में नाम आएगा। उसके बाद विभाग के लिए ईमानदारी से काम करेंगे।