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धार्मिक व पर्यटन गतिविधियां शुरू होने से डेढ़ हजार कामगारों व दो हजार पुरोहितों को मिलेगी राहत

प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन का चौथा चरण खत्म होने के बाद उत्तराखंड में धार्मिक व पर्यटन गतिविधियां शुरू करने के साथ होटल-ढाबे शुरू करने की सिफारिश केंद्र सरकार से की है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 07:48 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 07:48 PM (IST)
धार्मिक व पर्यटन गतिविधियां शुरू होने से डेढ़ हजार कामगारों व दो हजार पुरोहितों को मिलेगी राहत
धार्मिक व पर्यटन गतिविधियां शुरू होने से डेढ़ हजार कामगारों व दो हजार पुरोहितों को मिलेगी राहत

हल्द्वानी, जेएनएन : प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन का चौथा चरण खत्म होने के बाद उत्तराखंड में धार्मिक व पर्यटन गतिविधियां शुरू करने के साथ होटल-ढाबे शुरू करने की सिफारिश केंद्र सरकार से की है। प्रदेश सरकार ने तर्क दिया है कि राज्य की अर्थव्यवस्था पर्यटन-धार्मिक गतिविधियों पर निर्भर है। केंद्र सरकार इसकी अनुमति देती है तो सैकड़ों व्यवसायियों के साथ हजारों कामगारों को इसका फायदा होगा।

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नैनीताल जिले में दो हजार से अधिक होटल, रिसार्ट आदि संचालित हैं। वहीं तकरीबन एक हजार से अधिक ढाबे संचालित हैं। होटल, रिसार्ट व ढाबों पर काम करने से 15 हजार से अधिक लोगों को काम मिलता है। लॉकडाउन में रोजगार बंद होने से होटल-ढाबों में काम करने वाले अधिकांश कामगार गांव लौट गए हैं। केंद्र सरकार एक जून से होटल-ढाबे खोलने की अनुमति प्रदान करती है तो कामगारों के परिवारों की आजीविका पटरी पर लौट सकती है। वहीं, कोरोना संकट के कारण गांव लौटे प्रवासियों को भी रोजगार से जोडऩा सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।

..तो 72 दिन बाद होंगे आराध्य के दर्शन

प्रदेश सरकार ने होटल-ढाबों के साथ धार्मिक गतिविधियों को भी शुरू करने की सिफारिश की है। लॉकडाउन की वजह से 21 मार्च से मंदिर, मस्जिद व गुरुद्वारे आम लोगों के लिए बंद हैं। ऐसे में एक जून से धार्मिक स्थलों को खोला जाता है तो श्रद्धालु करीब ढाई माह बाद अपने आराध्य के दर्शनों के लिए जा सकेंगे। आम लोगों के लिए मंदिर के पट खुलने से यहां बैठने वाले पुजारियों को भी राहत मिलेगी।

डॉ. नवीन चंद्र जोशी, ज्योतिषाचार्य ने बताया कि धार्मिक स्थल बंद होने से नैनीताल जिले में डेढ़ से दो हजार पुजारियों की आजीविका ठप हो गई थी। मंदिरों के चढ़ावे, दक्षिणा आदि पर निर्भर रहने वाले पुरोहितों के लिए यह राहत देने वाला फैसला होगा।

महात्मा सत्यबोधानंद, प्रभारी मानव उत्थान सेवा समिति कुमाऊं का कहना है कि धीरे-धीरे सभी सेवाओं को खोला जा रहा है। धार्मिक व पर्यटन गतिविधियों को भी खोला जाना चाहिए। इससे हजारों हाथों को काम मिल सकेगा। प्रदेश सरकार की पहल सराहनीय है।

पंडित विवेक शर्मा, व्यवस्थापक प्राचीन राम मंदिर हल्द्वानी ने बताया कि फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए मंदिरों को भक्तों के दर्शनार्थ खोलने की अनुमति देने की जरूरत थी। अच्छा है कि प्रदेश सरकार ने इस दिशा में सोचा है। इससे सैकड़ों परिवारों का भला होगा।

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