इंडियन ऑयडल में धूम मचाएंगे उत्तराखंड के पवनदीप राजन, द वॉइस इंडिया के रहे हैं विजेता
उत्तराखंड के चम्पावत जिले के रहने वाले पवनदीप राजन अब इंडियन ऑयडल 20-20 सीजन 12 में धमाल मचा रहे हैं। शनिवार से सोनी टीवी पर इस शो का प्रसारण शुरू हो गया है। जो लगातार पांच माह तक हर शनिवार और रविवार को रात आठ बजे से होगा।
चम्पावत, जेएनएन: द वॉइस इंडिया के विजेता रह चुके उत्तराखंड के चम्पावत जिले के रहने वाले पवनदीप राजन अब इंडियन ऑयडल 20-20 सीजन 12 में धमाल मचा रहे हैं। शनिवार से सोनी टीवी पर इस शो का प्रसारण शुरू हो गया है। जो लगातार पांच माह तक हर शनिवार और रविवार को रात आठ बजे से होगा। पवन दीप के इंडियन ऑयडल में चयन होना चम्पावत जिले के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है। जादुई आवाज व सुरों से बॉलीवुड के प्रसिद्ध सिंगर्स को लुभा चुके पवनदीप राजन प्रसिद्ध कुमाऊंनी लोकगायक सुरेश राजन के बेटे हैं। वे चंडीगढ़ के रॉक बैंड समूह से जुड़ चुके हैं।
विभिन्न भाषाओं में प्लेबैक सिंंगिंंग करते हैं पवन
कुमाऊंनी, गढ़वाली, पंजाबी फीचर फिल्मों की एलबम आदि में भी प्लेबैक सिंगिंग भी करते हैं। अब उन्होंने अपनी गायिकी का जलवा इंडियन ऑयडल सीजन 12 में दिखाना शुरू कर दिया है। उनके पिता सुरेश राजन ने बताया कि महज ढ़ाई साल की उम्र में पवन ने लोहाघाट नगर से लगे रायनगर चौड़ी गांव की रामलीला में तबला बजाकर सबको हैरत में डाल दिया। दो साल आठ माह की उम्र में वर्ष 1998 में उसने चम्पावत में आयोजित कुमाऊं महोत्सव में भी तबला बजाकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। डेढ़ साल की उम्र से ही उसके ताऊ सतीश राजन ने उसे संगीत की रियाज देनी शुरू कर दी थी। पवन दीप राजन को संगीत विरासत में मिला था। उसके दादा जी स्व. रति राजन भी अपने समय के प्रसिद्ध लोकगायक थे। पवनदीप फिल्म निर्माता निर्देशक प्रहलाद निहलानी, गायक सोनू निगम, अदनान सामी समेत अभिनेता गोविंदा, बॉबी देओल सहित कई नामचीन हस्तियों के साथ काम कर चुके हैं।
गुमदेश पट्टी के वल्चौड़ा गांव के रहने वाले हैं पवनदीप
प्रसिद्ध कुमाऊंनी लोग गायक पवनदीप राजन का जन्म वर्ष 1996 में चम्पावत जिले के वल्चौड़ा गांव गुमदेश पट्टी में हुआ था। उनकी शिक्षा दीक्षा जिले में ही हुई। बचपन से ही उनकी रूचि संगीत में थी। उनके पिता सुरेश राजन व ताऊ सतीश राजन ने बचपन से ही संगीत की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी। आठ साल की उम्र में उन्होंने पहाड़ी गीत गाकर संगीत की दुनियां में कदम रखा। पवन ने चम्पावत के अपने घर में ही स्टूडियो खोला है। जहां कोविड काल में जागरूकता गीत रिकार्डिंग कर उन्होंने लोगों को कोरोना से बचने का संदेश दिया।