महामारी ने और खराब कर दी सरकारी स्कूलों की पढ़ाई, संसाधनों का अभाव से पिछड़े
सरकारी स्कूलों से घटती बच्चों की संख्या के बीच महामारी ने सरकारी शिक्षा की स्थिति और खराब कर दी है। नैनीताल तहसील में ही 40 शिक्षकों की ड्यूटी शादी समारोह में कोविड गाइडलाइंस के अनुपालन के निरीक्षण के लिए लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। कोविड काल में भले ही इंटर, डिग्री कॉलेजों में कम ही सही ऑनलाइन पढ़ाई हो रही हो मगर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के बच्चे महरूम हैं। कमजोर नेटवर्क व अभिभावकों के पास फोन का अभाव इसकी सबसे बड़ी वजह है।
कुमाऊं मंडल में साल दर साल सरकारी स्कूलों से घटती बच्चों की संख्या के बीच महामारी ने सरकारी शिक्षा की स्थिति और खराब कर दी है। पिछले साल लॉकडाउन में बच्चों को ज्ञानदीप समेत स्थानीय केबल के माध्यम से भी पढ़ाया गया था। इस बार बच्चे नई कक्षा ऑटो प्रमोट कर दिए गए हों मगर अब तक उन्हें नई क्लास को शुरुआती पढ़ाई भी नहीं कराई गई। इस बार महामारी की भयावहता को देखते हुए प्रशासन की ओर से शिक्षकों की कोविड ड्यूटी भी लगाई गई है। नैनीताल तहसील में ही बकायदा 40 शिक्षकों की ड्यूटी शादी समारोह में कोविड गाइडलाइंस के अनुपालन के निरीक्षण के लिए लगाई गई है। अन्य जिलों में भी यही स्थिति है। अधिकांश पब्लिक स्कूलों के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है।
छुट्टी के बहाने ठप हो गई पढ़ाई
कोरोना के बढ़ते संक्रमण मामलों को देखते हुए शासन ने स्कूलों की 30 जून तक छुट्टी घोषित कर दी है। अपर शिक्षा निदेशक रघुनाथ लाल आर्य ने कहा कि शासन ने स्कूलों में अवकाश घोषित किया है। कहा कि नेटवर्क की समस्या व मोबाइल की कमी की वजह से भी ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे महरूम हैं। अलबत्ता साफ किया कि बहुत से शिक्षकों द्वारा अपने स्तर से प्रयास कर बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है।
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