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पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे ने कहा चुनाव लडऩे के लिए दो बच्चों का प्रावधान देश के लिए जरूरी

पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि पंचायत चुनाव लडऩे के लिए दो बच्चों का अध्यादेश जनहित व राष्ट्रहित में लाया गया था।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 10:23 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 10:23 AM (IST)
पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे ने कहा चुनाव लडऩे के लिए दो बच्चों का प्रावधान देश के लिए जरूरी
पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे ने कहा चुनाव लडऩे के लिए दो बच्चों का प्रावधान देश के लिए जरूरी

हल्द्वानी, जेएनएन : पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि पंचायत चुनाव लडऩे के लिए दो बच्चों का अध्यादेश जनहित व राष्ट्रहित में लाया गया था। देश की बढ़ती आबादी को देखते हुए इस तरह का फैसला लिया जाना जरूरी था।

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मंगलवार को हल्द्वानी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी पर हुए कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे अरविंद पांडे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार की हार के तौर पर नहीं देखा जा सकता। जो यह सोच रहे हैं यह उनकी नादानी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के फैसले का भविष्य में सकारात्मक परिणाम आएगा। पंचायतों में युवा सोच व शिक्षित लोगों की भागीदारी बढ़ेगी। अतिथि शिक्षकों के मामले में विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। अयोध्या मामले के बाद गेस्ट टीचरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसके बाद गेस्ट टीचरों की नियुक्ति की राह खुलेगी। 

दो से अधिक बच्चे वालों के जिपं व बीडीसी सदस्य बनने सुनवाई आज

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नामांकन के अंतिम दिन दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों का जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के चुनाव में उतरने के मामले की सुनवाई आज होगी। हाई कोर्ट ने ग्राम पंचायत के पदों को लेकर पारित आदेश जिला व क्षेत्र पंचायत में लागू करने की मांग को लेकर दायर याचिका को तत्काल सुनने से इन्कार करते हुए बुधवार को तिथि नियत की है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता चम्पावत जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष बहादुर सिंह पाटनी की याचिका को तत्काल सुनने से इन्कार कर दिया। ग्राम पंचायत वाले मामले में पहले हाई कोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंगलवार को जिला व क्षेत्र पंचायत के लिए नामांकन का आखिरी दिन था। खंडपीठ पूर्व में इस तरह की याचिका को तत्काल सुनने से इन्कार कर चुकी है।  


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