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Covid-19 : पंचायती राज विभाग ने क्वारंटाइन सेंटर के लिए वित्तीय मदद से किया इन्कार, डीएम करेंगे भुगतान

पंचायती राज विभाग ने क्वारंटाइन सेंटर के लिए किसी भी तरह की वित्तीय मदद देने से इन्कार कर दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 12:06 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 12:06 PM (IST)
Covid-19 : पंचायती राज विभाग ने क्वारंटाइन सेंटर के लिए वित्तीय मदद से किया इन्कार, डीएम करेंगे भुगतान
Covid-19 : पंचायती राज विभाग ने क्वारंटाइन सेंटर के लिए वित्तीय मदद से किया इन्कार, डीएम करेंगे भुगतान

नैनीताल, किशोर जोशी : उत्तराखंड में प्रवासियों की घर वापसी के बीच ग्राम प्रधान सियासी व सरकारी मकडज़ाल में फंस गए हैं। असल में पंचायती राज विभाग ने क्वारंटाइन सेंटर के लिए किसी भी तरह की वित्तीय मदद देने से इन्कार कर दिया है।

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साफ किया है कि राज्य वित्त व केंद्रीय वित्त से मिले बजट में प्रधान सिर्फ ग्राम पंचायत विकास योजना में प्रस्तावित पोर्टल में दर्ज योजनाओं पर ही खर्च कर सकते हैं। ऐसे में डीएम अब क्वारंटाइन सेंटर के खर्च की भरपाई मुख्यमंत्री राहत कोष, आपदा मद के अलावा ग्राम निधि में स्वास्थ्य व स्वच्छता मद में करेंगे।

प्रवासियों की घर वापसी के साथ ही क्वारंटाइन सेंटर बढ़ते जा रहे हैं। राज्य में फिलहाल 604 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें 25, 299 लोगों के लिए रहने का इंतजाम है। अभी इनमें 5458 लोग रह रहे हैं, जबकि 19, 842 बेड खाली हैं। 4813 क्वारंटाइन लोगों की मॉनिटरिंग की जा रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर सेंटरों की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों को सौंपी गई है। मैदानी इलाकों में ग्राम पंचायतों के पास आय के स्रोत हैं मगर पर्वतीय ग्राम पंचायतें राज्य वित्त, केंद्रीय वित्त, ग्राम निधि पर ही निर्भर हैं। अधिकतर ग्राम पंचायतों के पास वित्त आयोग की रकम है।

ऐसे में उनके सामने क्वारंटाइन में रह रहे लोगों को बेहतरीन सुविधा मुहैया कराने का तो दूसरी ओर शासन-प्रशासन की गाइडलाइन का अनुपालन करने का दबाव है। वित्तीय संकटों से घिरी पंचायतों के प्रधान उधारी में इंतजाम कर रहे हैं मगर सेंटरों में सुविधाओं की कमी उनको सियासी रूप से गले की फांस बन गई है।

डीएम नैनीताल सविन बंसल ने कहा कि क्वारंटाइन सेंटर मेें हुए खर्च का बिल प्रस्तुत करने के बाद ग्राम प्रधानों को मुख्यमंत्री राहत कोष, आपदा मद से भुगतान किया जाएगा। यदि ग्राम निधि से शासन भुगतान की अनुमति नहीं देगा तो वह कार्ययोजना में स्वास्थ्य व स्वच्छता में प्रावधान कर खर्च की भरपाई सुनिश्चित करेंगे। इस समय महामारी का संक्रमण रोकना पहली प्राथमिकता है।

निदेशक पंचायती राज एचसी सेमवाल ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर जिला प्रशासन के माध्यम से चल रहे हैं। महामारी नियंत्रित करने की पॉवर हो या सेंटर में रह रहे लोगों पर खर्च की जिम्मेदारी भी भारत सरकार व राज्य सरकार ने जिलाधिकारियों को दी है। ग्राम पंचायत विकास योजना के तहत पोर्टल में जो भी योजनाएं ग्राम पंचायत की दर्ज होंगी, उसी के अनुसार ग्राम निधि का बजट खर्च करना होगा, इससे इतर करने पर प्रधान जिम्मेदार होंगे।

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