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भूस्‍खलन के कारण खतरे की जद में आए सौ साल पुराने जीआइसी को शिफ्ट करने का फरमान

सरोवर नगरी का सौ साल पुराना जीआइसी भवन बलियानाला क्षेत्र में लगातार हो रहे भूस्खलन की वजह खतरे की जद में आ गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 11:05 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 11:05 AM (IST)
भूस्‍खलन के कारण खतरे की जद में आए सौ साल पुराने जीआइसी को शिफ्ट करने का फरमान
भूस्‍खलन के कारण खतरे की जद में आए सौ साल पुराने जीआइसी को शिफ्ट करने का फरमान

नैनीताल, जेएनएन : सरोवर नगरी का सौ साल पुराना जीआइसी भवन बलियानाला क्षेत्र में लगातार हो रहे भूस्खलन की वजह खतरे की जद में आ गया है। जिला प्रशासन ने भूस्खलन से संभावित खतरे को देखते हुए शिक्षा विभाग को विद्यालय शिफ्ट करने का फरमान जारी कर दिया है। प्रशासन के फरमान से शिक्षकों के साथ ही यहां पढ़ रहे करीब दो सौ छात्रों व अभिभावकों में खलबली मच गई है।  

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दरअसल, पिछले साल अगस्त में बलियानाले में भारी भूस्खलन हुआ था। भूस्खलन की चपेट में कृष्णापुर  जाने वाली सड़क का मोड़ भी इसकी चपेट में आ गया, जिस कारण क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही बंद हो गई और श्रमदान कर जैसे-तैसे पैदल रास्ता बनाया गया है। खतरे को देखते हुए रईस होटल, हरिनगर क्षेत्र के दो दर्जन परिवारों को सरकारी स्कूल भवनों में शिफ्ट किया गया। अभी भी आधा दर्जन से अधिक परिवार स्कूल भवनों में रह रहे हैं। पत्थरों के गिरने व कटाव की वजह से खतरा बरकरार है। जापान के विशेषज्ञों के सहयोग से ट्रीटमेंट का प्रस्ताव है। ट्रीटमेंट से पहले बलियानाला की चट्टानों की जांच के लिए आजकल जीआइसी से नीचे बलियानाला के मुहाने पर बोरिंग की जा रही है। इधर 15 अप्रैल को नैनीताल के तहसीलदार की ओर से प्रधानाचार्य जीआइसी को संबोधित शासकीय पत्र भेजा गया है। पत्र में कहा गया है कि भूस्खलन के खतरे को देखते हुए सुरक्षित स्थान पर विद्यालय का विस्थापन करें, ताकि भविष्य में जनहानि से बचा जा सके। 

एडमिरल डीके जोशी पढ़े हैं यहां से 
पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी व कारगिल शहीद मेजर राजेश अधिकारी समेत तमाम हस्तियां इस विद्यालय में पढ़े हैं।

फरमान से बढ़ी अभिभावकों और छात्रों की टेंशन
लगातार घटती छात्रासंख्या से परेशान जीआइसी प्रशासन के समक्ष दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है। कभी हजारों छात्रों वाला विद्यालय अब करीब दो सौ छात्र संख्या में सिमट गया है। पिछले दिनों प्रवेश उत्सव तक छात्रसंख्या बढ़ाने को किए प्रयासों का सकारात्मक परिणाम निकला था। बोर्ड परीक्षा परिणाम के बाद भी छात्रसंख्या बढऩे की उम्मीद थी, लेकिन अब प्रशासन के स्कूल का विस्थापन करने के पत्र से टेंशन पैदा हो गई है। प्रधानाचार्य संजय पांडे ने प्रशासन के पत्र से पैदा हुई दिक्कतों के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है।

प्राथमिक स्कूल भी शिफ्ट करने की हिदायत
खतरे को देखते हुए जीजीआइसी के साथ ही भवाली रोड में छावनी परिषद के प्राथमिक स्कूल के विस्थापन का फरमान प्रशासन ने जारी किया है। विद्यालय मेें 90 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। कैंट की सीईओ आकांक्षा तिवारी के अनुसार फिलहाल उन्हें कोई पत्र नहीं मिला है।

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