आठ दिन में टोल फ्री नंबर पर स्ट्रीट लाइट की मात्र तीन शिकायतें
नगर पालिका की ओर से शिकायतें सुनने के लिए जारी टोल फ्री नंबर पर आठ दिनों में केवल तीन शिकायतें मिली हैं।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : नगर पालिका की ओर से शिकायतें सुनने के लिए जारी टोल फ्री नंबर पर स्ट्रीट लाइट को लेकर मात्र तीन शिकायतें ही दर्ज हुई हैं। ऐसे में स्ट्रीट लाइट के मामले में कुछ सभासदों के आंदोलन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पालिका कर्मियों ने भी इन सभासदों के आंदोलन के मामले में पालिकाध्यक्ष से शिकायत की है।
पालिका कर्मी प्रमोद कुमार ने बताया कि नगर में कुल 2280 स्ट्रीट लाईटें हैं, जिनमे करीब 70 से 80 प्रतिशत स्ट्रीट लाईटें ठीक हैं। उन्होंने बताया कि टोल फ्री नंबर पर अभी तक स्ट्रीट लाइट से संबंधित मात्र तीन शिकायतें आई हैं, जिनका निवारण कर दिया गया है। अधिशासी अधिकरी रोहिताश शर्मा ने साफ किया कि ठेकेदार अनुबंध के अनुसार ही काम कर रहा है। आवास खाली न होने के पीछे पालिका की नीति जिम्मेदार
नैनीताल : पालिका के आवासों पर कब्जे के मामले में सभासद ने पालिका की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। आरोप लगाया कि जिन पालिका कर्मचारियों को पालिका आवास आवंटित किए गए थे, पालिका ने ऐसे कर्मियों के रिटायरमेंट के बाद नियमानुसार उन आवासों को खाली करने के लिए नोटिस तक नहीं थमाए।
सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के तहत नगर पालिका कब्जेदारों का सत्यापन कर रही है। इसकी रिपोर्ट शहरी विकास निदेशालय को भेजी जाएगी। इसी के बाबत मल्लीताल बाजार वार्ड के सभासद मोहन सिंह नेगी ने चेयरमैन व ईओ को पत्र सौंपकर कहा है कि पालिका की गलत नीतियों की वजह से आवंटी पालिका आवासों में रहने को मजबूर हैं। सभासद का कहना है कि ऐसे भी रिटायर्ड कर्मी हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, मगर पालिका ने न उन्हें न उनके आश्रितों को देयकों का भुगतान किया। कहा कि मल्लीताल कमेटी लाइन में पालिका आवासों से 2015 तक किराया वसूला गया। किराया वसूलने के बाद यहां रह रहे लोगों को अवैध कब्जेदार नहीं कहा जा सकता। सभासद ने आवासों का किराया बढ़ाने अथवा संबंधित को ही बेचने का सुझाव दिया है। उन्होंने बोर्ड बैठक में इस मामले में चर्चा की मांग भी की है।