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उत्तराखंड की सवा करोड़ की आबादी के लिए महज 150 लैब तकनीशियन

राज्य में सवा करोड़ की जनसंख्या है लेकिन सरकारी अस्पतालों में केवल 150 लैब तकनीशियन ही कार्यरत हैं। कोविड-19 की पूरी जिम्मेदारी निभा ये तकनीशियन सरकार की अनदेखी से नाराज हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 04:53 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 04:53 PM (IST)
उत्तराखंड की सवा करोड़ की आबादी के लिए महज 150 लैब तकनीशियन
उत्तराखंड की सवा करोड़ की आबादी के लिए महज 150 लैब तकनीशियन

हल्द्वानी, जेएनएन : राज्य में सवा करोड़ की जनसंख्या है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में केवल 150 लैब तकनीशियन ही कार्यरत हैं। कोविड-19 की पूरी जिम्मेदारी निभा ये तकनीशियन सरकार की अनदेखी से नाराज हैं। इनका कहना है कि आखिर ऐसे में हम कैसे काम करते रहेंगे? खाली पदों पर नियुक्ति न होने से नाराज लैब टैक्नीशियनों ने आवाज बुलंद की है। 

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उत्तराखंड मेडिकल लैब तकनीशियन एसोसिएशन ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव को भेज पत्र में कहा है कि सरकार हमारी नहीं सुन रही है। जबकि इतनी आबादी के हिसाब से कम से कम एक हजार लैब तकनीशियन होने चाहिए थे। तमाम पद रिक्त चल रहे हैं। इन पदों पर नियुक्ति की गुहार लगाई जा चुकी है। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

प्रदेश महामंत्री मनोज कुमार मिश्रा का कहना है कि कोविड-19 के दौर में लैब तकनीशियन ने बिना छु़ट्टी लिए नौकरी की। जहां सैंपल लेने थे, वहां पहुंचे। कभी अपनी ड्यूटी में लापरवाही नहीं की। इसके बावजूद सरकार सेवा नियमावली नहीं बना रही है। कैडर तक निर्धारित नहीं किया गया। इसकी वजह से कई तरह के लाभ से वंचित हैं। एसोसिएशन के प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुबेर मेवाड़ी का कहना है कि प्रदेश में अधिकांश लैब तकनीशियन 10 वर्षों की सेवा पूरी कर चुके हैं। ऐसे में नियमावली बन जानी चाहिए थी।



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