Move to Jagran APP

हल्द्वानी ब्लाॅक के करीब सवा लाख राशन कार्डों की दोबारा जांच होगी, फर्जी मिले तो कार्रवाई

फर्जी आय प्रमाण पत्र लगाकर राशन कार्ड बनवाने की शिकायतों के चलते हल्द्वानी ब्लाॅक के करीब सवा लाख राशन कार्डों की दोबारा जांच होगी। इसके लिए ग्राम विकास अधिकारियों पटवारियों की टीमें हल्द्वानी के प्रत्येक वार्ड और गांव जाकर भौतिक सत्यापन करेंगी।

By Edited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 05:17 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 10:30 AM (IST)
हल्द्वानी ब्लाॅक के करीब सवा लाख राशन कार्डों की दोबारा जांच होगी, फर्जी मिले तो कार्रवाई
हल्द्वानी ब्लाॅक के करीब सवा लाख राशन कार्डों की दोबारा जांच होगी।

हल्द्वानी, भानु जोशी : फर्जी आय प्रमाण पत्र लगाकर राशन कार्ड बनवाने की शिकायतों के चलते हल्द्वानी ब्लाॅक के करीब सवा लाख राशन कार्डों की दोबारा जांच होगी। इसके लिए ग्राम विकास अधिकारियों, पटवारियों की टीमें हल्द्वानी के प्रत्येक वार्ड और गांव जाकर भौतिक सत्यापन करेंगी। फर्जी राशन कार्ड पकड़े जाने पर कार्ड निरस्त तो होगा ही, साथ में मुकदमा भी दर्ज हो सकता है।

loksabha election banner

खाद्य आपूर्ति विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पहले चरण की कार्रवाई जल्द शुरू होगी। इसके लिए पांच वार्ड और पांच गांव चिह्नित किए जाएंगे। पकड़ में आए चुके हैं मामले पूर्व में कई मामले सामने आए थे, जिसमें उन लोगों के भी राशन कार्ड बने हुए थे जिनकी सालाना कमाई पांच लाख से अधिक थी। खाद्य आपूर्ति विभाग ने ऐसे 500 लोगों को चिह्नित कर नोटिस भेजा था। इस साल जून और जुलाई में ही विभाग ने ऐसे एक हजार राशन कार्ड निरस्त किए थे। पहले बंटी रेवड़ी, फिर शुरू हुआ फर्जीवाड़ा 2014-15 से पूर्व राशन कार्ड बनाने के लिए आय प्रमाण पत्र की बाध्यता नहीं थी।

हल्द्वानी में नगर निगम का क्षेत्र काफी कम था। अधिकांश हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र में आता था। ग्रामीण क्षेत्रों में राशन कार्ड बनवाने का जिम्मा ग्राम प्रधानों का होता था। ऐसे में प्रधानों ने अपने चहेतों का मनमाफिक सफेद, पीला राशन कार्ड बनवा लिया। 2014-15 से आय प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया। तहसीलों कार्यालयों में अंदर तक पकड़ रखने वालों ने फर्जी आय प्रमाण पत्र बनाकर खूब कमाई की।

पूर्व में पकड़े गए मामले

केस-1

जून में एक ऐसा मामला सामने आया था जिसमें एक उपभोक्ता की वार्षिक आय डेढ़ लाख रुपये से अधिक थी, लेकिन इसके बावजूद वह सफेद राशन कार्ड की योजनाओं का लाभ ले रहा था।

केस-2

शहर का एक नामी कारोबारी गरीबों के हिस्से का गेहूं-चावल खाने के लिए गरीब बन गया। कारोबारी ने फर्जी आय प्रमाण पत्र बनाकर सफेद कार्ड हासिल कर लिया था। इतना ही नहीं, नौकर की आय पांच लाख रुपये सालाना दिखाकर उसका पीला कार्ड बनवा लिया।

जल्द ही पहले चरण की कार्ययोजना तैयार की जाएगी

जिला पूर्ति अधिकारी नैनीताल मनोज कुमार बर्मन ने बताया कि हल्द्वानी में राशन कार्डो की जांच की जाएगी। इस संबंध में सीडीओ से आदेश प्राप्त हुए हैं। जल्द ही पहले चरण की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.