एक हथिनी की खुराक पर डेढ़ लाख खर्च
जंगल में हाथियों की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले वन विभाग के लिए हाथियों को पालना हो रहा है मुश्किल।
By Edited By: Published: Wed, 15 Aug 2018 10:05 AM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 08:39 AM (IST)
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: जंगल में हाथियों की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले वन विभाग के लिए हथिनियों को पालना भारी पड़ रहा है। रामनगर के रिसॉर्ट और अल्मोड़ा जिले के मोहान से लाकर आमडंडा में कुल आठ हथिनियों को रखा गया है। एक हथिनी के खानपान पर प्रतिमाह डेढ़ लाख का खर्च आएगा। वहीं, महावत समेत अन्य खर्चे जोड़कर बजट बीस लाख तक पहुंच रहा है। हाई कोर्ट के आदेश पर वन विभाग ने रामनगर के ढिकुली रिसॉर्ट से सात हथिनियों को छुड़ाकर अपने कब्जे में लिया है। बीमार होने की वजह से वन विभाग इन्हें खुले में नहीं रख रहा। क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा है। एक माह बाद इन हथिनियों को गौलापार जू में रेस्क्यू सेंटर में रखा जाएगा। भोजन के तौर पर रोजाना एक हथिनी को डेढ़ से दो क्विंटल हरा चारा देना जरूरी है। इसके अलावा दवा और उन्हें काबू में करने वाले महावत का खर्च अलग है। चिकित्सकों की टीम लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रही है। वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि नियमों के मुताबिक ही आमडंडा में हथिनियों का पालन-पोषण किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव वन आज करेंगे जू का निरीक्षण अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण डॉ. रणवीर सिंह बुधवार को गौलापार स्थित चिड़ियाघर का निरीक्षण करेंगे। खासकर हाथी रेस्क्यू सेंटर की तैयारियों का जायजा लेंगे। वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉ. धकाते ने बताया कि एक माह के भीतर सेंटर तैयार हो जाएगा। उसके बाद आमडंडा में रखी हथिनियों को यहां लाया जाएगा। सचिव रणवीर सिंह दोपहर बाद नैनीताल जू का निरीक्षण भी करेंगे।
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