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रुद्रपुर एआरटीओ में डेढ़ लाख फाइलें होंगी डिजिटल, बाबुओं का प्रशिक्षण पूरा, अब काम में आएगी तेजी

एआरटीओ कार्यालय रुद्रपुर में करीब डेढ़ लाख फाइलों को डिजिटल किया जाना है।जिसमे करीब दो से ढाई साल का वक्त लग सकता है। इसके लिए फाइलों को वर्षवार इंट्री और हर पटल को विशेष कोड के जरिए अपलोड किया जाना है। इससे अब काम में तेजी आएगी।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 04:35 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 04:35 PM (IST)
रुद्रपुर एआरटीओ में डेढ़ लाख फाइलें होंगी डिजिटल, बाबुओं का प्रशिक्षण पूरा, अब काम में आएगी तेजी
बाबुओं को ऑनलाइन प्रशिक्षण बीते दिसंबर में मुख्यालय से दिया जा चुका है।

जागरण संवारुद्रपुर (ऊधमसिंह नगर) : एआरटीओ कार्यालय रुद्रपुर में 30 साल से अधिक समय से धूल खा रही फाइलों को डिजिटल करने की दिशा में कदम उठ गए हैं। बीते दिसम्बर में मुख्यालय देहरादून ने डिजिटल करने के लिए फर्म को टेंडर फाइनल कर दिया है। अब जल्द टीम कार्यालय में आकर काम शुरू करेगी।

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एआरटीओ कार्यालय में लोगों को अपने वाहनों, लाइसेंस के रिन्यूवल को लेकर परेशान होना पड़ता है। जिसमे न केवल समय खरांब होता है बल्कि आर्थिक बोझ भी सहना पड़ता है। एक वाहन जब खरीदने के बाद दूसरे या तीसरे व्यक्ति के हाथों खरीदा या बेचा जाता है तब कई बार लोगों को एआरटीओ कार्यालय के चक्कर लगाने होते हैं। इन मुसीबतों से छुटकारा दिलाने के लिए बीते साल ही फाइलों के डिजिटल करने की प्रक्रिया को लेकर कागजी कार्रवाई शुरू हुई। बीच में कोरोना संक्रमण के कारण योजना आगे नहीं बढ़ सकी। लेकिन अब नए साल में इस पर मुहर लग चुकी है। जल्द डिजिटल करने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।

करीब डेढ़ लाख से अधिक फाइलें

एआरटीओ कार्यालय रुद्रपुर में करीब डेढ़ लाख फाइलों को डिजिटल किया जाना है।जिसमे करीब दो से ढाई साल का वक्त लग सकता है। इसके लिए फाइलों को वर्षवार इंट्री और हर पटल को विशेष कोड के जरिए अपलोड किया जाना है ताकि वह क्लिक में किसी को भी अपनी फाइल का स्टेटस,जुर्माना,रिन्यूवल, सहित एक्सपायर डेट की जानकारी मिल जाए।

दिसम्बर में पटल बाबुओं का हो चुका प्रशिक्षण

एआरटीओ कार्यालय में फाइलों को किस तरह डिजिटल किया जाना है इसके लिए बाबुओं को ऑनलाइन प्रशिक्षण बीते दिसंबर में मुख्यालय से दिया जा चुका है। इसमें इन सभी को बताया गया है कि पहली बार जब आवेदक की फाइल बनती है तो उसके बाद जब भी फाइल में कोई नया इंप्रूवमेंट होता है, जैसे वाहन एक से दो बार बिका तो हर पेज के अनुसार नंबरिंग पहले से ही कि जाए। अमूमन एक फाइल में लाइसेंस लेते समय सात पेज हो जाते हैं। ऐसे में यदि कोई वाहन दो से तीन बार बिकता है तो इस तरह फाइल में 21 से 22 पेज बन जाते हैं। ऐसे में डिजिटल करने पहुंच रही टीम को दिक्कत न हो इसलिए हर पेज पर नम्बरिंग जरूरी है।

एआरटीओ प्रशासन पूजा नयाल ने बताया कि करीब डेढ़ लाख फाइलों के डिजिटल करने के लिए मुख्यालय से फर्म को किसी टेंडर मिल गया है। अब जल्द ही टीम के आने की संभावना है। इसको लेकर अभी से कार्यालय में फाइलों को दुरस्त कर रहे हैं ताकि काम आसानी से हो सके।


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