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अधूरे भवन में शिफ्ट होंगी नर्सिग की छात्राएं

राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित नर्सिग कॉलेज में पिथौरागढ और अल्मोड़ा की छात्राएं अब नए अधूरे भवन में शिफ्ट होंगी

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 07:20 AM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 07:20 AM (IST)
अधूरे भवन में शिफ्ट होंगी नर्सिग की छात्राएं
अधूरे भवन में शिफ्ट होंगी नर्सिग की छात्राएं

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित नर्सिग कॉलेज में पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा नर्सिग कॉलेज के विद्यार्थी भी अध्ययन कर रहे हैं। इन विद्यार्थियों को अपने मूल नर्सिग कॉलेजों में भेजा जाना है, लेकिन हकीकत यह है कि अब भी इन कॉलेजों का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। अधूरे भवनों में ही छात्राओं को शिफ्ट किया जाएगा।

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वर्ष 2016 से नर्सिग कॉलेजों के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई थी। नर्सिग काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली ने हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के अलावा अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के लिए मान्यता दे दी थी, पर तब अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ में भवन निर्माण पूरा नहीं हुआ था। इसलिए इन दोनों कॉलेजों के विद्यार्थियों का प्रवेश भी हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में करा दिया गया था।

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मानकों के अनुसार स्टाफ न भवन

पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा में करीब तीन साल से भवन बन रहा है। अभी तक भवन का कार्य पूरा नहीं हो सका है। दोनों जगह हॉस्टल के लिए भवन तो बन गए, लेकिन अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकी हैं। संकाय सदस्यों के अलावा अन्य स्टाफ की नियुक्ति भी नहीं हो पाई है। सरकार की निष्क्रियता व बजट समय पर नहीं भेजे जाने की वजह से निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हो सका है।

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कॉलेज में पढ़ रहे दो बैच

हल्द्वानी नर्सिग कॉलेज के लिए 50, पिथौरागढ़ में 40 और अल्मोड़ा में 30 सीटें निर्धारित हैं। अब तक दो बार प्रवेश हो चुके हैं। यहां पर विद्यार्थियों की संख्या 240 पहुंच चुकी है। ऐसे में इस कॉलेज में विद्यार्थियों को रख पाना संभव नहीं है। शासन ने दोनों कॉलेजों के विद्यार्थियों को मूल कॉलेज में शिफ्ट करने के आदेश कर दिए हैं।

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वार्षिक परीक्षा के बाद होंगे शिफ्ट

नर्सिग विद्यार्थियों की परीक्षा 23 अक्टूबर से तीन नवंबर तक है। इसके बाद प्रयोगात्मक परीक्षाएं होंगी। परीक्षाएं पूरी हो जाने के बाद विद्यार्थियों को शिफ्ट कर दिया जाएगा।

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तीन साल बाद स्थायी मान्यता के लिए निरीक्षण

नर्सिग काउंसिल ऑफ इंडिया तीन साल बाद स्थायी मान्यता के लिए निरीक्षण करती है। कुमाऊं के तीनों कॉलेजों में अभी तक मानक पूरे नहीं हैं। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के नर्सिग कॉलेज में ही व्यवस्था के तहत शिक्षकों को रखा गया है, जिनकी डिग्री भी निर्धारित मानक के अनुसार नहीं है। लैब व अन्य सुविधाएं भी महज औपचारिकता भर के लिए ही हैं।

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नर्सिग कॉलेज में पढ़ाने के लिए कई तरह की फैकल्टी की जरूरत होती है। कुछ की सीधी भर्ती की जाएगी। कुछ शिक्षकों व स्टाफ को संविदा के तहत नियुक्त किया जा रहा है। सुविधा के अनुसार अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ के नर्सिग कॉलेजों में विद्यार्थियों को शिफ्ट करने के आदेश कर दिए हैं।

डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक, चिकित्सा शिक्षा


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