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कुमाऊं के 20 कॉलेजों में विज्ञान, गणित जैसे विषयों में छात्रसंख्या जीरो NAINITAL NEWS

कुमाऊं में ही 20 राजकीय इंटर कॉलेजों में विज्ञान-गणित जैसे महत्वपूर्ण विषयों की छात्रसंख्या जीरो हो गई है। इन कॉलेजों के शिक्षकों को अन्‍यत्र मर्ज किया जाएगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 06:04 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 11:44 AM (IST)
कुमाऊं के 20 कॉलेजों में विज्ञान, गणित जैसे विषयों में छात्रसंख्या जीरो NAINITAL NEWS
कुमाऊं के 20 कॉलेजों में विज्ञान, गणित जैसे विषयों में छात्रसंख्या जीरो NAINITAL NEWS

नैनीताल, जेएनएन : इसरो के वैज्ञानिकों के मिशन चंद्रयान-2 की दुनियाभर में चर्चे हैं, मगर कुमाऊं मंडल में इस तरह के मिशन के लिए तैयार होने वाले भावी वैज्ञानिकों की पाठशाला ही बंद होने के रास्ते पर है। छात्रों की अरुचि, पद रिक्त होने, पलायन आदि की वजह से कुमाऊं में ही 20 राजकीय इंटर कॉलेजों में विज्ञान-गणित जैसे महत्वपूर्ण विषयों की छात्रसंख्या जीरो हो गई है। परिणामस्वरूप शिक्षा विभाग कॉलेजों के इन प्रवक्ताओं को निकटतवर्ती कॉलेजों में समायोजित करने की तैयारी शुरू कर चुका है। 

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शिक्षा निदेशालय ने पिछले दिनों मंडलों के स्कूलों का ब्यौरा मांगा था तो उसकी रिपोर्ट चौंकाने वाली आई है। सूत्रों के अनुसार नैनीताल के साथ ही अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत व बागेश्वर जिले के दुर्गम इलाकों में संचालित जीआइसी के 20 प्रवक्ता अरसे से खाली बैठे हैं। इसकी वजह उनके विषय की छात्रसंख्या शून्य होना है। वहीं 2006 से एक कॉलेज में प्रवक्ता के पद रिक्त होने से वहां प्रवेश तक नहीं हो सके हैं। अल्मोड़ा जिले में सुगम श्रेणी के दो इंटर कॉलेजों में अहम विषयों की छात्रसंख्या जीरो पहुंच गई है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. मुकुल कुमार सती ने कहा है कि जीरो छात्रसंख्या वाले विषयों के प्रवक्ताओं का समायोजन निकटवर्ती विद्यालयों में किया जाएगा। इस संबंध में निदेशालय को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।

कई स्‍कूलों में विषयों के शिक्षक ही नहीं 

  • जिले के जीआइसी ज्योश्यूड़ा में 15 साल से विज्ञान वर्ग में रसायन के अलावा अन्य के प्रवक्ता पद रिक्त हैं तो जीआइसी छड़ौली पिथौरागढ़ में भी 2005 के बाद से रसायन विज्ञान प्रवक्ता के अलावा अन्य की नियुक्ति नहीं की गई हैं।
  • रसायन के अलावा अन्य पदों के सापेक्ष शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से जीआइसी भटेड़ी पिथौरागढ़ में इस साल दाखिले ही नहीं हुए।
  • जीआइसी भद्रकोट पिथौरागढ़ में ही पिछले साल से भौतिकी के अलावा अन्य कोई प्रवक्ता नहीं है।
  • चम्पावत के नेपाल सीमा से सटे जीआइसी तल्लादेश में अप्रैल 2017 से गणित के शिक्षक के अलावा अन्य की तैनाती नहीं होने प्रवेश शून्य हैं।
  • बागेश्वर के जीआइसी चौड़ास्थल में 1995 से छात्र-छात्राएं गणित विषय लेने को तैयार नहीं है।
  • पिछले साल से अल्मोड़ा के द्यूनाथल में गणित-भौतिकी के प्रवक्ता पद इसलिए खाली हैं कि छात्र-छात्राएं यहां से पलायन कर गए।
  • अल्मोड़ा जिले में ही सुगम श्रेणी के जीआइसी तोल्यों में अंगे्रजी के अलावा अन्य विषयों के प्रवक्ताओं की निुयक्ति नहीं होने पर छात्र-छात्राएं दूसरे विद्यालय चले गए।
  • अल्मोड़ा में ही भीता कोटखाल में विज्ञान के सभी पद रिक्त होने से दाखिले ही नहीं हुए। यहां सिर्फ रसायन विज्ञान के प्रवक्ता हैं।
  • अल्मोड़ा में ही पाली में पिछले साल से जीव विज्ञान के प्रवक्ता हैं मगर कक्षा-11 में किसी भी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया। जीआइसी खरखीना तथा अगासपुर में 2006 से रसायन विज्ञान के अलावा अन्य प्रवक्ता पद रिक्त होने से छात्र विज्ञान वर्ग में पढऩे को तैयार नहीं हैं।
  • अल्मोड़ा में ही जीआइसी खेती में जीव विज्ञान को छोड़कर अन्य विषय के प्रवक्ता नहीं हैं। नैनी चौगर्खा व सुनोली में रसायन को छोड़ अन्य के प्रवक्ता नहीं हैं। श्रीखेत में गणित के अलावा, पुभाऊं में रसायन के अलावा, जीआइसी सलोर महादेव में छात्रों ने संस्कृत में प्रवेश ही नहीं लिया गया।

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