परीक्षा कराने के विरोध में उच्च शिक्षा निदेशालय में तीन घंटे धरने पर बैठे एनएसयूआई कार्यकर्ता
कोरोना संक्रमण के इस दौर में एक जुलाई से डिग्री कॉलेजों की परीक्षाएं कराने के निर्णय के विरोध एनएसयूआई का विरोध जारी है।
हल्द्वानी, जेएनएन : कोरोना संक्रमण के इस दौर में एक जुलाई से डिग्री कॉलेजों की परीक्षाएं कराने के निर्णय के विरोध एनएसयूआई का विरोध जारी है। नाराज एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने शनिवार को गौलापार स्थित उच्च शिक्षा निदेशालय में तीन घंटे तक धरना दिया। इस दौरान डिग्री कॉलेजों की परीक्षाएं न कराने व छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने की मांग उठाई गई।
जिलाध्यक्ष विशाल सिंह भोजक की अगुवाई में धरने पर बैठे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का कहना था कि छात्रों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट कर सभी कॉलेजों में एक सेमेस्टर की फीस माफ की जानी चाहिए। जिलाध्यक्ष भोजक ने कहा की शासन ने एक जुलाई से परीक्षा कराने का मन बनाया है। जबकि कई डिग्री कॉलेजों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है।
इस समय कोरोना संक्रमण चरम पर है ऐसे में यदि परीक्षाएं होती हैं तो छात्रों को यात्रा करनी पड़ेगी। कहा कि नैनीताल जिला रेड जोन में है यदि जिले के डिग्री कॉलेजों में परीक्षा होगी तो दूरस्थ क्षेत्रों में अपने घर गए छात्रों को वापस लौटना पड़ेगा। जो कि अपनी जान जोखिम में डालने के बराबर होगा। छात्र मानसिक तनाव में हैं।
भोजक ने कहा कि लॉकडाउन में हजारों लोगो का रोजगार छिन गया है ऐसे में कॉलेज यदि फीस लेना जारी रखते हैं तो इसका असर उन अभिभावकों पर पड़ेगा जिनके बच्चे कॉलेजों में पड़ते हैं। कहा कि एनएसयूआई हमेशा से ही छात्रों के हितों के लिए संघर्ष करते रही है। जब तक शासन द्वारा परीक्षा निरस्त करने का निर्णय नहीं ले लिया जाता तब तक छात्र हितों की लड़ाई जारी रहेगी।
धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं ने उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. कुमकुम रौतेला से भी मुलाकात की। निदेशक ने मांगों को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का अश्वासन दिया। धरने में छात्र नेता नाजिम अंसारी, संजय जोशी, राहुल बिष्ट, पारस नेगी, किशोर कुमार, सुरेंद्र सिंह फस्र्वाण, मोहम्मद आसिफ आदि शामिल रहे।
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