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जीबी पंत विवि में शिक्षकों-कर्मचारियों के एनपीएस की कटौती बंद, सीएम पोर्टल पर शिकायत

जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के नाम पर शिक्षकों व कर्मियों से खिलवाड़ किया जा रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 09:41 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 09:41 AM (IST)
जीबी पंत विवि में शिक्षकों-कर्मचारियों के एनपीएस की कटौती बंद, सीएम पोर्टल पर शिकायत
जीबी पंत विवि में शिक्षकों-कर्मचारियों के एनपीएस की कटौती बंद, सीएम पोर्टल पर शिकायत

पंतनगर (ऊधमसिंह नगर), जेएनएन : जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के नाम पर शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यह खुलासा विश्वविद्यालय के एक प्राध्यापक ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज शिकायत में किया है। प्राध्यापक ने कहा है कि उसका व अन्य सहकर्मियों के एरियर में गड़बड़ी की गई है।  गलत वेतनमान निर्धारण सहित एनपीएस की कम व गलत कटौती की जा रही है। इसको लेकर स्‍टाफ में रोष का माहौल है।

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दिसंबर 2016 के बाद से ही एनपीएस की कटौती बंद

प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के प्रोडक्शन इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्राध्यापक एवं सह निदेशक श्रम कल्याण डॉ. अरुण चौधरी ने 27 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है कि उनका व अन्य सहकर्मियों का एरियर चार वर्षों से महाविद्यालय के वित्त विभाग के स्तर पर लंबित है। जिससे उन्हें इस धनराशि पर मिलने वाले ब्याज की हानि उठानी पड़ रही है। साथ ही समस्त कार्मिक जिनकी नियुक्ति सीधी भर्ती से एक अक्टूबर 2005 के बाद हुई है, उनके वेतन से अंशदाई पेंशन योजना (सीपीएस) की कटौती नियमानुसार 10 प्रतिशत की जाती रही है। लेकिन दिसंबर 2016 से कटौती बंद कर दी गई है, जो वित्तीय अनियमितता है। इस कारण भविष्य में सेवानिवृत्ति के समय कार्मिकों को कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। सीपीएस कटौती एनपीएस खाते में जमा कराया जाता है, जो शेयर बाजार से संबद्ध है। कटौती कम होने का सीधा असर भविष्य में प्राप्त होने वाले धन व सुरक्षा पर पड़ेगा।

एनपीएस में यह है शासनादेश

वित्त सचिव अमित नेगी ने 12 जून 2019 के शासनादेश में स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार की सेवा में और राज्य सरकार के अधीन सरकार द्वारा वित्त पोषित ऐसी समस्त स्वायत्तशासी संस्थाओं व सरकार से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, जिनमें राज्य सरकार की पुरानी पेंशन योजना लागू थी, उनमें एक अक्टूबर 2005 से समस्त नई भर्तियों पर नई परिभाषित अंशदान पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की गई है। जिसके तहत 10 प्रतिशत धनराशि की कटौती कर्मचारी एवं 10 प्रतिशत अंशदान नियोक्ता द्वारा की जाएगी। साथ ही इस संबंध में केंद्र सरकार की 31 जनवरी 2019 की अधिसूचना का हवाला देते हुए एक अप्रैल 2019 से एनपीएस के तहत कार्मिक की कटौती 10 प्रतिशत, जबकि नियोक्ता द्वारा अंशदान 14 प्रतिशत कर दिया गया है।

शासन को कर रहे गुमराह

सीएम कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए शिकायत निवारण के लिए एल-4 अधिकारी को हस्तांतरित कर दी है। सक्षम अधिकारी द्वारा विवि से इस संबंध में मांगी गई आख्या में डीन टेक्नोलॉजी डॉ. जेपी पांडेय ने सूचना दी है कि कार्मिकों के वेतन से सीपीएस कटौती नियमानुसार की जाती है। एनपीएस कटौती किए जाने के संबंध में शासन या विवि स्तर से उन्हें कोई आदेश प्राप्त नहीं है। इसलिए एनपीएस की कटौती नहीं की जाती है। इस प्रकरण में नियंत्रक को फोन कर पक्ष लेने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हो सका।

निदेशक प्रशासन एवं अनुश्रवण मामले से पल्‍ला झाड़ा

कमेंद्र सिंह, निदेशक प्रशासन एवं अनुश्रवण, पंतनगर विवि से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने उन्‍होंने पल्‍ला झाड़ लिया। उन्‍होंने कहा कि मुझे ऐसे किसी प्रकरण की जानकारी नहीं है। चूंकि मामला वित्तीय है इसलिए हो सकता है कि नियंत्रक को भेजा गया हो।


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