अब स्कूल में दाखिले से पहले दिखानी होगी टीकाकरण की रिपोर्ट
अभिभावकों को बच्चों के दाखिले से पहले टीकाकरण का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। ऐसे में अब बच्चे के जन्म के बाद और गर्भवती महिलाओं दोनों का संपूर्ण टीकाकरण करना अनिवार्य है।
रजत श्रीवास्तव, हल्द्वानी। पोलियोमुक्ति के बाद स्वास्थ्य महकमा अब टीकाकरण में रफ्तार पकड़ रहा है। इसके लिए टीमों ने पहले गांव-गांव जाकर टीके लगाए और अब सरकार ने इसको और बढ़ाने के लिए सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में भी मुहिम छेड़ दी है। अभिभावकों को बच्चों के दाखिले से पहले टीकाकरण का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। तभी बच्चों को स्कूलों में प्रवेश मिलेगा। ऐसे में अब बच्चे के जन्म के बाद और गर्भवती महिलाओं दोनों का संपूर्ण टीकाकरण करना अनिवार्य है। बच्चों और गर्भवतियों को शत-प्रतिशत टीका लगाने के लिए यह प्रयास किया गया है।
केंद्र स्तर से जारी होगा प्रमाण पत्र : गांवों और क्षेत्रों में तैनात स्वास्थ्य कार्यकर्ता ही इस प्रमाण पत्र को निर्गत करेंगे। पांच वर्ष तक टीकाकरण पूर्ण होने के बाद बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा।
इन टीकों को लगाना जरूरी : बीसीजी (टीबी की रोकथाम के लिए), हेपेटाइटिस (पीलिया से दूरी के लिए), पोलियो, पेंटा वैलेंट (काली खांसी, गलाघोट, टिटेनस, संक्रमण, हेपेटाइटिस के खतरे से बचाव के लिए), एमएमआर (मम्प्स, खसरा, रूबेला रोकने के लिए)।
कब-कब लगता है टीका :
जन्म के समय : बीसीजी, हेपेटाइटिस बी, पोलियो वैक्सीन
डेढ़ माह की उम्र : डीपीटी, पोलियो, इन्फ्लूएंजा बी, रोटावायरस
14 सप्ताह की उम्र : सभी टीके अनिवार्य
छह माह में : पोलियो वैक्सीन
नौ माह में : खसरे का टीका
पांच वर्ष में : खसरा, रूबेला का टीका
नोडल शिक्षक तैयार करेगा सूची : टीकाकरण के बाद जब बच्चे का दाखिला सरकारी या प्राइवेट स्कूल में कराया जाएगा तो संबंधित नोडल शिक्षक इसकी सूची तैयार करेगा। यदि आंशिक रूप से टीकाकरण पाया जाता है तो आशा वर्करों को सूचित कर टीका लगवाया जाएगा। जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. अज शर्मा के अनुसार अब स्कूल में बच्चों को एडमिशन दिलाने से पहले टीकाकरण का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। इसके बाद ही उनका दाखिला होगा। इससे संपूर्ण टीकाकरण अभियान का लक्ष्य भी पूरा होगा।
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