अब नलकूपों की मोटर के फुंकने का खतरा होगा कम, जल संस्थान ने 14 नलकूपों में लगाया पंप आटोमेशन कंट्रोल पैनल
पेयजल की आपूर्ति करने वाले नलकूपों की मोटर फुंकने का खतरा कम हो गया है। जलसंस्थान ने सिंचाई विभाग से हस्तांतरित हुए 14 नलकूपों में पंप आटोमेशन कंट्रोल पैनल लगाने का काम पूरा कर दिया है। इसके साथ ही अब इनको चलाने के लिए लोगों की जरूरत भी नहीं होगी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : शहर के 14 इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब इनको पेयजल की आपूर्ति करने वाले नलकूपों की मोटर फुंकने का खतरा कम हो गया है। जलसंस्थान ने सिंचाई विभाग से हस्तांतरित हुए 14 नलकूपों में पंप आटोमेशन कंट्रोल पैनल लगाने का काम पूरा कर दिया है। इसके साथ ही अब इनको चलाने के लिए लोगों की जरूरत भी नहीं होगी। निर्धारित समय पर नलकूप खुद चलेंगे और बंद भी हो जाएंगे।
तीन साल पहले जलसंस्थान के हल्द्वानी डिवीजन को कुल 21 नलकूप सिंचाई विभाग से हस्तांतरित किए गए थे। ये नलकूप वो थे, जिनका 50 से 90 फीसद तक पानी पेयजल के लिए प्रयोग किया जाता है। इनमें से छह नलकूप लालकुआं डिवीजन बनने पर हस्तांतरित हो गए। जलसंस्थान के अफसरों ने बताया कि शेष 15 नलकूपों में जज फार्म स्थित एक नलकूप में ही पंप आटोमेशन कंट्रोल पैनल लगा था। अन्य में आटोमेशन कंट्रोल पैनल नहीं लगने से इनका मैनुअल संचालन किया जा रहा था। जिस कारण बिजली के उतार-चढ़ाव पर पंप फुंकने का खतरा बना रहता था। इसके साथ ही नलकूप के संचालन के लिए एक व्यक्ति की हमेशा जरूरत पड़ती थी।
अगर नलकूप संचालन के समय बिजली गुल हुई तो आपूर्ति बहाल होने पर नलकूप फिर शुरू के लिए एक व्यक्ति को खड़ा रहना पड़ता था। इस समस्याओं से मुक्ति के लिए डिवीजन की ओर से शासन को सिंचाई विभाग के हस्तांतरित 14 नलकूपों में पंप आटोमेशन कंट्रोल पैनल लगाने का प्रस्ताव भेजा गया था। डिवीजन के अधिशासी अभियंता संजय श्रीवास्तव ने बताया कि पंप आटोमेशन कंट्रोल पैनल लगाने के लिए शासन से करीब 42 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत हुई थी। इस पर सभी 14 नलकूपों में पंप आटोमेशन कंट्रोल पैनल लगाने का काम पूरा कर लिया गया है।
इन नलकूपों पर निर्भर लोगों को होगा लाभ
लोहरियासाल मल्ला, भगवानपुर जय सिंह, बिष्टधड़ा बिठोरिया, चौसला, हिम्मतपुर मल्ला, रामड़ी जसवा, लोहरियासाल तल्ला, पनियाली, कुसुमखेड़ा, घुनी नंबर एक, देवपुर कुरिया, नर सिंह मल्ला, हिम्मतपुर तल्ला, पीपल पोखरा नंबर एक।
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