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पुरानी पेयजल व्‍यवस्‍था सुधारी नहीं, बना दी 35 करोड़ रुपये की नई योजना NAINITAL NEWS

सरोवर नगरी की खामियों से भरी पेयजल व्यवस्था को एडीबी ने सुधारा नहीं कि आटोमेटेड पेयजल वितरण सिस्टम के लिए उसने 35 करोड़ का नया प्रोजेक्ट तैयार कर दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 05:29 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 05:29 PM (IST)
पुरानी पेयजल व्‍यवस्‍था सुधारी नहीं, बना दी 35 करोड़ रुपये की नई योजना NAINITAL NEWS
पुरानी पेयजल व्‍यवस्‍था सुधारी नहीं, बना दी 35 करोड़ रुपये की नई योजना NAINITAL NEWS

किशोर जोशी, नैनीताल। सरोवर नगरी की खामियों से भरी पेयजल व्यवस्था को एडीबी ने सुधारा नहीं कि आटोमेटेड पेयजल वितरण सिस्टम के लिए उसने 35 करोड़ का नया प्रोजेक्ट तैयार कर दिया है। वहीं पुराने प्रोजेक्ट में खामियों से पब्लिक का गुस्सा झेल रहे जल संस्थान ने नए प्रोजेक्ट से पहले पुराने काम पूरा कर नए काम शुरू करने की सलाह दी है।

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शहर में एडीबी ने करोड़ों खर्च कर न केवल पेयजल टैंक बनाए थे, बल्कि पुरानी पेयजल लाइनों के स्थान पर नई लाइनें बिछाई थीं। बाद में इनमें कई खामियां सामने आईं। आलम यह रहा कि मुख्य पेयजल लाइन फटने से एक बारगी तो पांच दिन तक शहर के बड़े हिस्से में पानी के लिए हाहाकार मच गया। मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया था। शासन के निर्देश पर जांच कमेटी बनी तो कमेटी ने तमाम स्तर पर प्रोजेक्ट क्रियान्वयन में खामियां पकड़ीं। अब इन खामियों को दूर किए बिना करीब 35 करोड़ के नए प्रोजेक्ट क्रियान्वयन की कवायद तेज कर दी गई है, जिसे लेकर गुरुवार को देहरादून में उच्चस्तरीय बैठक होनी है। बताया जा रहा है कि पुराने अनुभवों से सबक लेते हुए प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद पांच साल तक कार्यों का संचालक प्रोजेक्ट कंपनी द्वारा ही किया जाएगा।

जल संस्थान ने लगाई आपत्ति

नए प्रोजेक्ट को लेकर जल संस्थान ने आपत्तियां लगा दी हैं। प्रोजेक्ट में शामिल कार्यों को चेक करने के लिए जल संस्थान को भेजा गया था। जल संस्थान साफ शब्दों में आपत्ति लगाते हुए कहा है कि पुराने कार्यों को पूरा किए बिना और खामियां दूर किए बिना नए प्रोजेक्ट शुरू नहीं किए जाने चाहिए। जल संस्थान के ईई संतोष उपाध्याय ने कहा कि प्रोजेक्ट को लेकर आपत्तियां लगाई गई हैं।

मोबाइल से पानी की आपूर्ति की तैयारी

नए प्रोजेक्ट में पानी की आपूर्ति मोबाइल से करने का प्रावधान रखा गया है। मोबाइल सिग्नल से ही पानी खुलेगा व बंद होगा, मगर शहर के तमाम इलाके ऐसे हैं, जहां सिग्नल की समस्या है। ऐसे में यदि निर्धारित समय में पानी की सप्लाई नहीं होगी तो विभाग का विरोध का सामना करना पड़ेगा। पुराने प्रोजेक्ट में मीटर लगाए गए थे, नए में भी इसका प्रावधान किया गया है। पुराने प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए चार जेनरेटर इसलिए बंद पड़े हैं कि रोजाना तेल के लिए पौने दो लाख रुपये खर्च की उपलब्धता नहीं है। नए प्रोजेक्ट में फिर से करीब चार-पांच करोड़ के जेनरेटर करने का प्रस्ताव है। डीएम सविन बंसल ने बताया कि मुझे एडीबी के नए प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी नहीं है। शासनस्तर से पता लगाया जा रहा है। हालांकि एडीबी से संबंधित कार्यों की गुरुवार को समीक्षा बैठक बुलाई गई है।

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