हड्डियां मजबूत करने के लिए बचपन से करें ये काम, नहीं तो होंगे परेशान
अगर हम स्वस्थ जीवन बिताना चाहते हैं तो बचपन से ही हड्डियों की मजबूती पर ध्यान देना होगा। बचपन से ही विटामिन डी से लेकर पर्याप्त मात्रा में कैल्सियम युक्त भोजन लेना होगा।
हल्द्वानी, जेएनएन : अगर हम स्वस्थ जीवन बिताना चाहते हैं तो बचपन से ही हड्डियों की मजबूती पर ध्यान देना होगा। बचपन से ही विटामिन डी से लेकर पर्याप्त मात्रा में कैल्सियम युक्त भोजन लेना होगा। ऐसा करने से हड्डियों से संबंधित बीमारियां को नियंत्रित कर सकते हैं। यह सलाह रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर में सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में हड्डी एवं जोड़ रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गणेश सिंह ने दी। उन्होंने कुमाऊं भर के सुधी पाठकों को हड्डी व जोड़ के दर्द से बचाव व उपचार के बारे में परामर्श दिया।
हड्डियां कमजोर होने का कारण
- विटामिन डी की कमी
- कैल्सियम पर्याप्त मात्रा में न लेना
- व्यायाम न करना
- ज्यादा तली-भुनी चीजें खाना
- वजन बढऩा
- शराब व धूमपान करना
ऐसे करें बचाव
- विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में लें
- सप्ताह में कम से कम तीन दिन धूप लें
- जरूरत के अनुसार विटामिन डी सप्लीमेंट लें
- कैल्सियम युक्त भोजन ग्रहण करें
- नियमित व्यायाम करें
- खेलकूद पर विशेष ध्यान दें
- संतुलित व पौष्टिक भोजन ग्रहण करें
बुजुर्ग रखें अपना खास ध्यान
डॉ. गणेश ने बताया कि हड्डियां समय के साथ कमजोर होने लगती हैं। इसलिए बुजुर्गों को खास ध्यान रखने की जरूरत है। गिरने वाली जगह पर न जाएं। अगर फ्रैक्चर हो गया तो फिर ठीक होने में समय लग जाता है।
अब फ्रैक्चर लियाजन सर्विसेज की जरूरत
डॉ. गणेश बताते हैं कि कई देशों के अस्पतालों में फ्रैक्चर लियाजन सर्विसेज शुरू हो गई है। इस सेवा के जरिये समय रहते कमजोर हड्डियों वाले लोगों की पहचान की जाती है। उन्हें हड्डियां मजबूत करने के लिए जागरूक किया जाता है। संबंधित मरीज की बार-बार मॉनीटङ्क्षरग की जाती है। इलाज के साथ ही डायट चार्ट उपलब्ध कराया जाता है, ताकि हड्डियों व जोड़ों से संबंधित बीमारियां गंभीर स्थिति में न पहुंचें। इस तरह की सेवाओं की यहां पर भी जरूरत है।
ए से कराएं इलाज
ऑस्टिोआर्थराइटिस यानी जोड़ों का दर्द होने पर हड्डी व जोड़ रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। कुछ जांचों के जरिये बीमारी की गंभीरता का आकलन लिया जाता है। इसके बाद दवाइयां व अन्य परामर्श दिया जाता है। खुद से दर्द निवारक गोलियों का सेवन करना खतरनाक हो सकता है।
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