गंगा-यमुना के प्रदूषण पर केंद्र और उत्तराखंड समेत आठ राज्य सरकारों को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने गोमुख से गंगा सागर तक गंगा नदी तथा यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण व गंदगी के मामले में केंद्र सरकार उत्तराखंड समेत आठ राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है।
नैनीताल, जेएनएन : सुप्रीम कोर्ट ने गोमुख से गंगा सागर तक गंगा नदी तथा यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण व गंदगी के मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, उत्तराखंड समेत आठ राज्य सरकारों तथा अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस एमआर शाह की संयुक्त पीठ में अल्मोड़ा निवासी अधिवक्ता शिव भट्ट की विशेष अनुमति याचिका( एसएलपी) पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता का कहना है कि गंगोत्री से गंगा सागर पहुंचने तक गंगा में औद्योगिक कचरा, कूड़ा करकट डालने से प्रदूषण बढ़ रहा है। यमुना नदी में भी गंदगी हो रही है।
इन नदियों का पानी पीने योग्य तक नहीं रह गया है। याचिकाकर्ता ने गंगा यमुना में कूड़ा करकट डालने व प्रदूषित करने वालों पर कार्रवाई करने व साफ सफाई की नियमित मॉनिटरिंग के लिए वीडियोग्राफी कर उसे वेबसाइट में अपलोड करने की मांग की गई है।
संयुक्त पीठ ने केंद्र सरकार, केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय, केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नेशनल मिशन ऑफ क्लीन गंगा के डीजी के अलावा उत्तराखंड सरकार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
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