Move to Jagran APP

किराए के मकान में चल रहे पर्यटन विभाग के दफ्तर को खाली करने के ल‍िए थमाया नोटिस

सरोवर नगरी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थापित कार्यालय से पर्यटन विभाग बेघर होने के कगार पर पहुंच गया है। शहर में 1957 से किराए के मकान में चल से इस दफ्तर को खाली करने के लिए मकान मालिक ने नोटिस थमा दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 11:58 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 11:58 AM (IST)
किराए के मकान में चल रहे पर्यटन विभाग के दफ्तर को खाली करने के ल‍िए थमाया नोटिस
किराए के मकान में चल रहे पर्यटन विभाग के दफ्तर को खाली करने के ल‍िए थमाया नोटिस !

नैनीताल, जेएनएन : सरोवर नगरी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थापित कार्यालय से पर्यटन विभाग 'बेघर' होने के कगार पर पहुंच गया है। शहर में 1957 से किराए के मकान में चल से इस दफ्तर को खाली करने के लिए मकान मालिक ने नोटिस थमा दिया है।

loksabha election banner

उत्तराखंड में पर्यटन से करीब 32 लाख लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। सरकार की सालाना करोड़ों का राजस्व भी मिलता है, मगर इस पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने वाले विभाग के पास अपना कार्यालय तक नहीं हैं। माल रोड पर पर्यटन विभाग का कार्यालय भवन जर्जर हाल हो चुका है। जिला पर्यटन अधिकारी अरविद गौड़ के अनुसार, मुख्यालय को जानकारी दी ज चुकी है। उन्होंने माना कि शौचालय तक जर्जर है। किराये का भान होने के कारण मरम्मत में भी हाथ बंधे हैं।

राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक इकाई नहीं है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद केएमवीएन व जीएमवीएन की इसकी जिम्मेदारी है। नैनीताल में आग से खाक हुए केएमवीएन मुख्यालय बनाने के लिए पर्यटन विभाग ने पांच करोड़ रुपये दिए हैं। मगर खुद के कार्यालय के लिए उसके पास बजट नहीं है। उल्लेखनीय है कि नैनीताल कुमाऊ मंडल का मंडलीय मुख्यालय होने के साथ प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। अविभाजित उत्तर प्रदेश में पर्यटन विभाग का कार्यालय 1957 से किराए पर चल रहा है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। अधिकारियों ने भी नहीं बताया। अब इस मामले में अधिकारियों को निर्देशित कर रहा हूं। इसकी वजह क्या रही, इस बारे में भी फीडवैक लूंगा। जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ के अनुसार मार्च में मकान मालिक ने भवन खाली करने का नोटिस दिया था। फिलहाल कोरोना को देखते हुए समय मांगा गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.