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Nainital News: लाखों की धोखाधड़ी में आरोपित दो बहनों को अग्रिम जमानत नहीं

आरोपी गुंजन व भावना पुत्री जगदीश पाण्डे निवासी भीमताल ने झील विकास प्राधिकरण से मानचित्र पास कराने हेतु कूटरचित दस्तावेज बनाये। आज तक रजिस्ट्री नहीं की गई। जांच में पता चला कि जिस भूमि पर कब्जा दिया गया था वह आरोपितों के नाम पर ही नहीं थी।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 07:15 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 07:15 PM (IST)
Nainital News: लाखों की धोखाधड़ी में आरोपित दो बहनों को अग्रिम जमानत नहीं
राम कुंवर सिह निवासी -65वी वर्मन कोटेज, लॉग भ्यू तल्लीताल, नैनीताल ने रिपोर्ट दर्ज कराई।

जागरण संवाददाता, नैनीताल: जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की कोर्ट ने जमीन के नाम पर करोड़ों की जालसाजी करने वाले आरोपी गुंजन व भावना पुत्री जगदीश पाण्डे निवासी भीमताल का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र धारा 420,406 आईपीसी के तहत मामले की गंभीरता को देखते हुए खारिज कर दिया।

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जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क रखा कि तीन अक्टूबर 2020 को थाना भीमताल में राम कुंवर सिह निवासी -65वी वर्मन कोटेज, लॉग भ्यू तल्लीताल, नैनीताल ने रिपोर्ट दर्ज कराई।

रिपोर्टकर्ता आरके सिंह व मनोज बिष्ट आकाश गंगा प्राइवेट लिमिटेड पीलीकोठी हल्द्वानी के निदेशक हैं और कंस्ट्रक्शन एवं डेवलपमेंट का कार्य करता है। आरोपितों ने अपनी भूमि बताकर 62 नाली भूमि का तीन जून 2021 को इकरारनामा किया।

जिस जमीन पर अपना पैसा लगाकर प्रोजेक्ट तैयार करना था, उसमें गुंजन व भावना 30 प्रतिशत व रिपोर्टकर्ता आरके सिंह 70 प्रतिशत के भागीदार होंगे। गुंजन व भावना के आश्वासन से संतुष्ट होकर रिपोर्टकर्ता ने इकरारनामा के पहले दोनों को 40 लाख व इकरानामे के बाद 10 लाख दिया।

निर्माण व विकास से संबंधित सरकारी औपचारिकता पूरी कर कार्य प्रारम्भ किया। 2013 से 2015 तक एक करोड़ 45 लाख खर्च किया। आरोपितों ने झील विकास प्राधिकरण से मानचित्र पास कराने हेतु कूटरचित दस्तावेज बनाये। आज तक रजिस्ट्री नहीं की गई। जांच में पता चला कि जिस भूमि पर कब्जा दिया गया था , वह आरोपितों के नाम पर ही नहीं थी। इकरारनामे के तहत उक्त भूमि का विकास करने हेतु तीन करोड़ 95 लाख छल कर नकद प्राप्त किए। कुछ धनराशि उक्त भूमि के विकास में खर्च करा दिये।

भावना व गुंजन ने आवासीय योजना का मानचित्र स्वीकृत हेतु कूटरचित कर नक्शे में अपनी भूमि का पूर्णतः अपना बताकर जल संस्थान, अग्निशमन विद्युत विभाग, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग को मानचित्र स्वीकार हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया।

भूमि को अपना बताकर जिला विकास प्राधिकरण को मानचित्र स्वीकृत कराने हेतु पत्रावली में दाखिल किया। डीजीसी के अनुसार विवेचना में पाया कि उक्त खातों में कोई मानचित्र स्वीकृत नहीं हुआ है भावना व गुंजन के विरूद्ध एनबीडब्लू का आदेश प्राप्त कर उनके निवास स्थान पर गिरफ्तारी को दबिश दी गई लेकिन पते पर नहीं मिले।

ना तो विवेचना में सहयोग किया जा रहा है और ना ही पाण्डे गांव स्थित जमीन के संबंध में कोई ठोस प्रमाण नहीं दिये जा रहे है। जमानत पर रिहा होने पर भागने की संभावना है। जिस कारण अभियुक्तगण अग्रिम जमानत पाने के अधिकारी नहीं है।


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