मासूम से दरिंदगी : क्यों न केवीएम स्कूल की मान्यता रद्द की जाए
मासूम से छेड़छाड़ मामले में शिक्षा विभाग अब जाकर जग गया है। स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : मासूम से छेड़छाड़ मामले में शिक्षा विभाग अब जाकर जग गया है। विभाग ने स्कूल प्रबंधन के नाम कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन की अनदेखी के लिए क्यों न विद्यालय की मान्यता रद्द की जाए।
प्राइवेट स्कूलों पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं होने का बहाना बनाने वाले विभागीय अधिकारी मासूम से छेड़छाड़ के बाद बने जन दबाव से हरकत में आ गए हैं। मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता ने बताया कि केवीएम स्कूल प्रबंधन के नाम नोटिस जारी करते हुए बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर मानकों की अनदेखी करने का कारण बताने को कहा है। साथ ही यह भी कहा है कि गाइड लाइन की अनदेखी करने के लिए क्यों न विद्यालय की सीबीएसई से मान्यता रद्द करने की संस्तुति की जाए। विद्यालय प्रबंधक से सात दिन में जवाब देने को कहा है। स्कूल से इन सवालों का मांगा जवाब
- बस स्टाफ का सत्यापन क्यों नहीं कराया
- स्कूल बस में सीसीटीवी क्यों नहीं हैं
- बस में महिला परिचारिका क्यों नहीं थी
- बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए हैं प्रबंधन का पुतला फूंका
अभिभावक संघर्ष समिति, उत्तराखंड बेरोजगार संगठन, पैरेंट्स एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारियों ने बुद्ध पार्क में एकत्रित होकर स्कूल प्रबंधक का पुतला फूंका। इस दौरान लीला कांडपाल व मदन मोहन जोशी ने कहा कि मामले में स्कूल प्रबंधन घटना से पल्ला झाड़ नहीं सकता। परिवार को धमकाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यहां गुरुचरण सिंह, सचिन जलाल, डिपंल पांडे, गोविंद सिंह, प्रमोद बिष्ट, नीरज खाती मौजूद रहे।