नैनीताल रीजन में छह माह से नौ अंबेस्डर कारें सरेंडर, चेकिंग पर नहीं जा रहे रोडवेज अफसर
नैनीताल रीजन के रोडवेज अफसर पिछले छह महीने से चेकिंग पर नहीं जा रहे। दरअसल मुख्यालय ने खर्चा कम करने को लेकर पूर्व में एक आदेश जारी किया था। जिस वजह से अफसरों की गाडियां गैराज में खड़ी हो गईं।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : नैनीताल रीजन के रोडवेज अफसर पिछले छह महीने से चेकिंग पर नहीं जा रहे। दरअसल, मुख्यालय ने खर्चा कम करने को लेकर पूर्व में एक आदेश जारी किया था। जिस वजह से अफसरों की गाडियां गैराज में खड़ी हो गईं। नैनीताल रीजन में नौ एंबेसडर कारें जो कि आरएम व एआरएम द्वारा इस्तेमाल की जाती थीं, वह काठगोदाम में धूल फांक रही हैं। मगर मुख्यालय के आदेश के चलते अफसर कुछ कहने को तैयार नहीं।
उत्तराखंड परिवहन निगम में अफसरों को सरकारी गाड़ी मिलती है। एआरएम, आरएम, आरएम तकनीकी की सेवा में चालक भी तैनात होता है। इस गाड़ी से निरीक्षण के साथ-साथ चेकिंग यानी रूट छापेमारी भी की जाती थी। डिपो से एआरएम की सरकारी गाड़ी जिस भी रूट पर गुजरती थी। उस रूट पर निकली बसों के चालक-परिचालक में हड़कंप मच जाता था।
अफसर कभी भी बस रुकवा सवारियों की गिनती कर देते थे। किसी यात्री के बेटिकट मिलने पर मौके पर ही एक्शन लिया जाता था। मगर पिछले छह महीने से सरकारी गाडिय़ा काठगोदाम आरएम आफिस के परिसर में टीनशेड के नीचे धूल खा रही है। यहां नौ गाड़ी खड़ी की गई है। वर्तमान में सिर्फ आरएम तकनीकी को गाड़ी की सुविधा है। ऐसे में बाकी अफसर जैसे-तैसे काम चला रहे हैं।
प्रदेश में 20 सरकारी गाड़ी: रोडवेज अफसरों के मुताबिक आठ बसें नैनीताल रीजन, तीन बसें टनकपुर रीजन व नौ बसे देहरादून रीजन के अफसरों के पास थी। मगर अब सब वाहनों को खड़ा कर दिया गया है।