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एशिया के दूसरे सबसे बड़े गोल्फ मैदान व ऐतिहासिक सेब बागान के शहर रानीखेत में सेल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केंद्र

रानीखेत में एक से बढ़कर एक टूरिस्ट साइट हैं। अपनी जैवविविधता मौसम व शीतलता के साथ भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट के मुख्यालय के रूप में विश्वमानचित्र पर अपनी पहचान कायम किए है। इसके साथ ही यहां पर रानीझील में सेल्फी प्वाइंट नया डेस्टिनेशन बन गया है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 05:11 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 05:11 PM (IST)
एशिया के दूसरे सबसे बड़े गोल्फ मैदान व ऐतिहासिक सेब बागान के शहर रानीखेत में सेल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केंद्र
रानीखेत में एक और टूरिस्ट स्पाट नए लुक व कलेवर में आकर्षित करने लगा है।

दीप सिंह बोरा, रानीखेत: अब तक पर्यटक नगरी रानीखेत आने वाले सैलानी एशिया के दूसरे सबसे बड़े प्राकृतिक गोल्फ मैदान, देश का पहला ऐतिहासिक चौबटिया सेब बागान, चाइना व्यू, भालू डैम आदि मोहक स्थलों का दीदार करते आ रहे थे। मां झूलादेवी, कालिका, सौनी बिनसर स्थित महादेव मंदिर, हैड़ाखान आदि धार्मिक स्थलों के दर्शन कर आत्मिक व मानसिक सुकून पाते थे। 

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पर कुमाऊं में खेतों की रानी यानि रानीखेत में एक और टूरिस्ट स्पाट नए लुक व कलेवर में आकर्षित करने लगा है। यह स्थान है मिश्रित वन से घिरा रानीझील। यह इसलिए भी खास है क्योंकि इसे रानीखेत के प्रति लगाव पैदा करने और यादगार के रूप में महानगरों की तर्ज पर सेल्फी प्वाइंट के रूप में विकसित किया गया है। विभिन्न राज्यों से पहाड़ पहुंचने वाले सैलानी रानीझील का लुत्फ लेने के बाद सेल्फी लेकर आनंदित होते हैं।

समुद्रतल से यही कोई 1800 मीटर की ऊंचाई पर बसा सैलानियों का शहर रानीखेत अपनी जैवविविधता, मौसम व शीतलता के साथ भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट के मुख्यालय के रूप में विश्वमानचित्र पर अपनी पहचान कायम किए है। प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज इस पर्यटक शहर की खूबसूरती में गोल्फ कोर्स, एप्पल गार्डन चार चांद लगाता है। 

वहीं, देवी एवं महादेव के मंदिरों वाले रानीखेत में देववृक्ष देवदार, बांज, काफल, बुरांश आदि विभिन्न प्रजातियों के बहुपयोगी पेड़ पौधों के मिश्रित वन क्षेत्र नैसर्गिक सौंदर्य को बढ़ा देते हैं। फ्लोरा एंड फोना की थीम पर बसी पर्यटक नगरी से करीब 10 किमी दूर मिनी कॉर्बेट के नाम से मशहूर दलमोठी का जंगल पर्यटकों को खासा पसंद आता है। दूसरी ओर बियाबान वन क्षेत्र से होकर परिंदों के कलरव के बीच गुजरते कत्यूरकाल के प्राचीन पैदल मार्ग साहसिक पर्यटन के शौकीनों को खूब आकिर्षत करते हैं। 

यादगार के पलों को सैलानी कर रहे कैद 

अब पर्यटन मानचित्र में नैसर्गिक सौंदर्य से लबरेज रानीखेत में तैयार सेल्फी प्वाइंट पर्यटकों को खूब भा रहा है। रानीझील में तैयार इस प्वाइंट पर 'आई लव यू रानीखेत' का आकर्षक ग्लोसाइन बोर्ड लगा है। ठीक पीछे रानीझील प्रकृति प्रेमी सैलानियों को मुग्ध करती है। इन दिनों सैलानी रानीझील पहुंचकर स्वजनों के साथ सेल्फी लेकर यादगार पलों को कैद करने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में यहां पहुंच रहे।

मुंबई की तर्ज पर किया तैयार 

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के भायखला स्थित वीरमाता जीजाबाई भोसले उद्यान एवं रानीबाग चिडिय़ाघर की भांति रानीझील में सेल्फी प्वाइंट स्थापित किया गया है। छावनी परिषद ने इसे विशेष रूप से संवारा है ताकि विश्वप्रसिद्ध रानीखेत को रानीझील के रूप में भी पहचान दिलाई जा सके। 

यहां कई मनोरंजन की जगहें

सेल्फी प्वाइंट पर तस्वीरें लेने के बाद पर्यटक बच्चों के साथ रानीझील में नौकायन का लुत्फ लेते हैं। इसके अलावा झील में बच्चे व बड़े जार्मिंग बॉल, फ्लाइंग फॉक्स, वाटर रोलर का आनंद तो लेते ही हैं। जलीय जीवों में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए सरोवर में रंगबिरंगी मछलियों का संसार भी सैलानियों को आकर्षित करता है। पास ही एडवेंचर पार्क है। झील को पार करने के लिए बर्मा ब्रिज बना है। 

ऐसे पहुंचें रानीझील

कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी से 110 किमी दूर है रानीखेत। मुख्य सदर बाजार स्थित गांधी चौक से ठंडी रोड होते हुए वाहन से डेढ़ किमी का सफर तय कर पहुंचा जा सकता है। ट्रेन से आने के लिए काठगोदाम से बस व टैक्सी आसानी से मिल जाती है। साथ ही फ्लाइट के लिए निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जहां से रानीखेत के लिए आसानी से पहुंचा जा सकता है।


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