नए सत्र की तैयारी, शिक्षकों के बिना कैसे हो पढ़ाई
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : एक ओर प्रोफेसर बनने की चिंता सताए जा रही है, वहीं सुगम में ट्रांसफर करव
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : एक ओर प्रोफेसर बनने की चिंता सताए जा रही है, वहीं सुगम में ट्रांसफर करवाने और जो पहले से सुगम के डिग्री कॉलेजों में कार्यरत हैं, उनमें ट्रांसफर रुकवाने के लिए जुगाड़ की जद्दोजहद चल रही है। उच्च शिक्षा निदेशालय से लेकर शासन की इस खींचतान में विद्यार्थी असमंजस में हैं। इसलिए कि वह नए सत्र में इन डिग्री कॉलेजों में प्रवेश लेना चाहता हैं, लेकिन पिछले वर्ष की तरह नए सत्र में भी शिक्षक मिल जाएंगे, ऐसी उम्मीद नहीं नजर आ रही है। वर्तमान में 500 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त है। इसमें पर्वतीय क्षेत्रों के डिग्री कॉलेजों की संख्या अधिक है। जबकि, पिछले एक साल में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. धन सिंह रावत शिक्षकों की कमी को दूर करने की कई बार घोषणा कर चुके हैं। इसके बावजूद अभी तक पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध नहीं हो सके हैं। सबसे अधिक अंग्रेजी विषय में शिक्षकों की कमी
पर्वतीय क्षेत्रों के डिग्री कॉलेजों में सबसे अधिक अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की कमी है। इसके अलावा वनस्पति विज्ञान, भौतिक विज्ञान, गणित व अर्थशास्त्र विषय के करीब 40 फीसद शिक्षकों की कमी है। कई कॉलेजों में इन विषयों के शिक्षक पिछले पांच वर्ष में भी नहीं पहुंचे हैं। इसमें डिग्री कॉलेज बागेश्वर, जैंती, नारायण नगर, स्याल्दे आदि शामिल हैं।
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कुमाऊं विवि ने शुरू किए प्रवेश
कुमाऊं विश्वविद्यालय से संबद्ध 48 कॉलेजों के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई। इसके लिए ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। कुमाऊं के सबसे बड़े एमबीपीजी कॉलेज में ही करीब दो हजार फॉर्म जमा हो चुके हैं।
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ये है हकीकत
2100 शिक्षकों के पद सृजित
1100 शिक्षक ही कार्यरत
500 गेस्ट टीचर कार्यरत
500 शिक्षकों की अभी भी कमी
100 राजकीय महाविद्यालय
17 कॉलेजों के पास भूमि नहीं
47 कॉलेजों के पास अपना भवन नहीं
115000 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे