काली नदी में बहे युवक की आड़ में भारत विरोध को फिर हवा दे रही नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी
युवक के काली नदी में बहने के मामले की जांच तो दूसरी तरफ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के निकटवर्ती संगठन के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने लिपुलेक कालापानी हमरो हो व एसएसबी मुर्दाबाद के नारे लगाए। इससे पहले भी नक्शे को लेकर भारत के विरोध में काफी बवाल किया था।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़ : एक तरफ नेपाली युवक के काली नदी में बहने के मामले की जांच तो दूसरी तरफ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के निकटवर्ती संगठन के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने लिपुलेक कालापानी हमरो हो, भारतीय विस्तारवाद मुर्दाबाद, एसएसबी मुर्दाबाद के भारत से लगी सीमा पर नारे लगाए। इससे पहले भी नक्शे को लेकर भारत के विरोध में काफी बवाल किया था। सीमांत के बुद्धजीवियों का कहना है कि चीन की शह पर नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी समय-समय भारत विरोधी आंदोलन करती है। जबकि मामला उल्टा है कि नेपाल के कई क्षेत्रों में चीन ने अतिक्रमण कर रखा है। इसे लेकर खुद नेपाल में जबतब विरोध के स्वर उठते हैं।
बुधवार सायं नेपाल एमाले पार्टी कार्यालय महाकाली नगरपालिका खलंगा दार्चुला में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के निकटवर्ती संगठन अखिल नेपाल स्वतंत्र विद्यार्थी यूनियन के पांच दर्जन कार्यकर्ता एकत्रित हुए। जहां से संगठन के जिला अध्यक्ष आन सिंह बड़ाल के नेतृत्व में विरोध रैली निकाली गई। एमाले पार्टी कार्यालय से प्रारंभ रैली राधा कृष्ण चौक से होते हुए जिला प्रशासन कार्यालय तक पहुंची। जहां पर जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर आयोजित सभा में नेपाली युवक के बहने के लिए एसएसबी को दोषी बताया गया।
सभा में वक्ताओं का भारत विरोध नजर आया। इस मौके पर भारतीय विस्तारवाद मुर्दाबाद, भारत की एसएसबी मुर्दाबाद , एसएसबी होश में आओ, दादागिरी नहीं चलेगी, लिपुलेक कालापानी हमारा है, सीमानामा भारतीय दादा गिरी बंद करो, नेपाली आदमी हत्या हिंसा बंद करो के नारे लगाए गए। प्रदर्शन के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन देर सायं जिल्लाधिकारी दार्चुला को सौंपा गया। विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से संयोजक संतोष सिंह ठगुन्ना, सचिव खड़क सिंह धामी के अलावा पांच दर्जन के आसपास कार्यकर्ता शामिल रहे।
नेपाल के घटनाक्रम में एसडीएम एके शुक्ला से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि नेपाल में हो रही गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं है। नेपाली ग्रामीण अवैध ढंग से तार लगाकर नदी पार करते समय काली नदी में बहा था।