Coronavirus lockdown : 3784 नेपाली नागरिक भेजे तो 258 भारतीयाों को लाया गया
कोराना वायरस के बाद लगे लॉकडाउन के चलते भारत व नेपाल में फंसे भारतीय व नेपाली नागरिकों के बॉर्डर से आने जाने का सिलसिला बना हुआ है।
बनबसा, जेएनएन : कोराना वायरस के बाद लगे लॉकडाउन के चलते भारत व नेपाल में फंसे भारतीय व नेपाली नागरिकों के बॉर्डर से आने जाने का सिलसिला बना हुआ है। शनिवार को डीएम एसएन पांडे व एसपी लोकेश्वर सिंह की मौजूदगी में पांचवें दिन 3784 नेपाली नागरिक को नेपाल पहुंचाया गया तो 258 भारतीयों को नेपाल से भारत में लाया गया।
शनिवार को जिलाधिकारी एसएन पांडेय और पुलिस अधीक्षक लाकेश्वर सिंह की मौजूदगी में भारत-नेपाल सीमा पीलर नंबर सात के समीप नेपाल से भारत पहुंचे भारतीय लोगों से मुलाकात की और उन्हे उनके गंतब्य तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था का जायजा लिया। इस अवसर पर सीमा पर ही स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा नेपाल से पहुंचे भारतीयों की जांच की गई और प्रशासन द्वारा उनके खाने - पीने की व्यवस्था की।
गौरतलब है कि नेपाली नागरिकों की बड़ी तादात में बनबसा पहुंचने से नेपाली नागरिक वाहनों के साथ अब बड़ी तादात में पैदल ही पैदल नेपाल को जा रहे हैं। नेपाली नागरिकों की स्वदेश वापसी के लिए अंतराष्ट्रीय सीमा को प्रतिदिन सुबह छह से 10 बजे तक चार घंटे के लिए खोला जा रहा है। इस अवसर पर सीओ बी सी पंत, थानाध्यक्ष जसवीर सिंह चौहान आदि भी मौजूद रहे। बता दें कि पिथौरागढ़ में झूलापुल खोलकर भी नेपाली नागरिकों को भेजा और भारतीयों को लाया जा रहा है।
बागेश्वर से 100 प्रवासियों की दो बसों से वतन वापसी
बागेश्वर में शनिवार को 100 प्रवासी मजदूरों को तीन बसों के माध्यम से उनके घर भेजा गया। इससे पूर्व डिग्री काॅलेज परिसर में मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग और स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इंसीडेंट कमांडर एके जॉन ने मजदूरों को शारीरिक दूरी बनाए रखने और मास्क पहनने को कहा। इसके बाद उन्हें नाश्ता, चाय आदि वितरित किया गया। उन्होंने बताया कि मजदूरों को निर्धारित एसओपी के अनुरूप बस के माध्यम से भेजा जा रहा है। अब तक 776 नेपाली मूल के प्रवासी मजदूरों के अलावा देश के अन्य राज्यों के 943 लोगों की वतन वापसी हो गई है। इस मौके पर नोडल अधिकारी अनिल चौधरी, परिवहन कर अधिकारी हरीश रावल, रविंद्र नैनवाल, नायब तहसीलदार दीपिका आर्या आदि मौजूद थे।
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