India-China Tension : बॉर्डर पर नेपाल ने राष्ट्रीय जांच विभाग के अधिकारियों को नियुक्त किया
India-China Tension भारत-चीन के बीच तनातनी से पिथौरागढ़ से लगती सीमा पर भी सुरक्षात्मक गतिविधियां बढ़ी हैं। खासकर लिपुलेख से सटे क्षेत्रों में।
हल्द्वानी, अभिषेक राज : भारत-चीन के बीच तनातनी से पिथौरागढ़ से लगती सीमा पर भी सुरक्षात्मक गतिविधियां बढ़ी हैं। खासकर लिपुलेख से सटे क्षेत्रों में। ऐसे में नेपाल पूरी सैन्य गतिविधि पर नजर गड़ाए बैठा है। आइटीबीपी, सेना और एसएसबी की मूवमेंट पर कव्वा में तैनात उसके विशेष दस्ते की नजर है। यहां से रोजाना रिपोर्ट तैयार कर गृह मंत्रालय को भेजी जा रही है। इसके लिए नेपाल ने राष्ट्रीय जांच विभाग के अधिकारियों को भी नियुक्त कर दिया है।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार गत दिनों मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में राष्ट्रीय जांच विभाग ने धारचुला क्षेत्र में सैन्य वाहनों की आवाजाही बढऩे की जानकारी दी है। ऐसे में नेपाल से चीन के लिए जासूसी की आशंका को बल मिलने लगा है। ताजा घटनाक्रम और नेपाल के चीन से प्रगाढ़ होते रिश्तों के बीच सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही सुरक्षा दस्ता भी चौकन्ना हो गया है।
अगस्त में विशेष जांच निदेशालय का गठन
सीमावर्ती क्षेत्रों में भारत की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए नेपाली सेना ने अगस्त महीने में ही विशेष जांच निदेशालय का गठन किया है। इसका काम सीमावर्ती क्षेत्रों की रोजाना की सैन्य गतिविधियों की रिपोर्ट तैयार कर गृह मंत्रालय को अवगत कराना है। सुदूर पश्चिम नेपाल से रोजाना रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि नेपाल संबंधित रिपोर्ट चीन को भी अप्रत्यक्ष रूप से साझा कर सकता है।
नेपाल यहां से कर रहा निगरानी
- भारतीय सीमा से सटे टिंकर सीमा चौकी से
- ब्यास गांव में सीमा पुलिस चौकी सहित पांच अन्य स्थलों से
- कव्वा में तैनात विशेष दल से
भारत, नेपाल और तिब्बत का केंद्र बिंदु
मेजर (रिटायर्ड) बीएस रौतेला ने बताया कि नेपाल अभी जहां से हम पर नजर रख रहा है वह क्षेत्र सामरिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह हिस्सा भारत, नेपाल और तिब्बत का केंद्र बिंदु है। चीन से तनाव के बीच बॉर्डर पर रेकी करना गलत है। नेपाल इसका गलत प्रयोग कर सकता है।