गले का फांस बना आमदनी का जरिया, एचएन इंटर कालेज की 42 दुकानों से किराया मिल रहा न कब्जा
एचएच इंटर कालेज ने 42 दुकानें बनवाई थीं कि इनके किराए से स्कूल में विकासात्मक काम होंगे। पर अब दुकानें जी का जंजाल बन गई हैं। दुकानदारों ने दुकानों पर कब्जा जमा लिया वे किराया भी नही दे रहे। स्कूल प्रबंधन ने दुकानों को खाली करने के लिए कहा है।
गणेश पांडे, हल्द्वानी : स्कूल को सरस्वती का मंदिर कहा गया है। सरस्वती के परिसर को कमाई का माध्यम बनाने के उद्देश्य से एचएन इंटर कालेज प्रबंधन ने 31 साल पहले दुकानें बनाकर व्यापारियों को काबिज करा दिया। इसके पीछे सोच थी कि किराये से होने वाली आय से स्कूल की बुनियादी जरूरत व संसाधनों की पूर्ति हो सकेगी, मगर नेक सोच को नेक प्रबंधन नहीं मिला।
नतीजन अब दुकानें जी का जंजाल बन गई हैं। स्कूल प्रबंधन ने एक बार फिर नोटिस देकर 42 दुकानों को खाली करने के लिए कहा है। एक सप्ताह में दुकान न छोडऩे पर बलपूर्वक हटाया जाएगा।
रामपुर रोड स्थित एचएन इंटर कालेज वन विभाग की जमीन पर बना है। वन विभाग ने तीन बार में 12.23 एकड़ जमीन स्कूल को प्रदान की। पहली बार में तीन एकड़ व दूसरी बार में चार एकड़ जमीन स्कूल को दी गई। स्कूल प्रबंधन ने तीसरी बार में मिली 5.23 एकड़ जमीन पर 1991 में दुकानें तैयार कराई।
डा. सुशीला तिवारी अस्पताल के नजदीक बनी दुकानों पर अधिकांश मेडिकल स्टोर कारोबारी काबिज हैं। दुकानदारों ने एक-दो साल बाद ही किराया देना बंद कर दिया। वन विभाग ने लीज पर दी गई जमीन का उपयोग बदलने का हवाला देकर स्कूल प्रबंधन को पार्टी बनाते हुए 1995 में सिटी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में वाद दायर कर दिया। 2002 में आए फैसले में कोर्ट ने दुकानों वाली जमीन वन विभाग को लौटाने का आदेश दिया था।
मामले में तब स्कूल प्रबंधन ने जिला अदालत में अपील की, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया था। 20 साल बाद भी जमीन वन विभाग को वापस नहीं हो पाई। जमीन की 30 वर्षों की लीज कईं साल पहले समाप्त हो चुकी है। यह मामला फिर गरमाया हुआ है।
दुकानदारों को एक सप्ताह का अल्टीमेटम
स्कूल प्रबंधन ने 42 दुकानों को खाली कराने के लिए 39 व्यापारियों को नोटिस दिया है। प्रभारी प्रबंधक जगदीश गुप्ता के हस्ताक्षर से जारी नोटिस में सात दिन में किराया न देने व दुकान का कब्जा न छोडऩे पर पुलिस प्रशासन की मदद से जबरन कब्जा हटाने की बात कही गई है। पहाड़ी आर्मी संगठन के संस्थापक हरीश रावत ने स्कूल प्रबंधन कर्मियों के साथ नोटिस बांटे। पूर्व में वन विभाग भी दुकानदारों को नोटिस दे चुका है।
वन क्षेत्राधिकारी यूसी आर्य ने बताया कि वन विभाग ने स्कूल प्रबंधन से 5.23 एकड़ जमीन वापस मांगी है। जैसी जमीन दी गई थी वैसी ही वापस करनी होगी। कब्जा हटाने में सहयोग की जरूरत पड़ती है तो हम तैयार हैं।
प्रधानाचार्य बीएस सामंत का कहना है कि वन विभाग ने जमीन वापस मांगी है। दुकानें खाली कराने के लिए स्कूल प्रबंधन की ओर से नोटिस दिए जा रहे हैं। व्यापारी दुकान नहीं छोड़ते तो प्रशासन की मदद ली जाएगी।