World Earth Day 2021 : पृथ्वी दिवस धरती को बचाने के लिए नीतिगत स्तर पर कड़े फैसलों की जरूरत
World Earth Day 2021 पृथ्वी के प्रति कर्तव्य का पालन के लिए ही इस दिवस को मनाया जाता है। 22 अप्रैल 1970 को पहला पृथ्वी दिवस मनाया गया। विशेषज्ञों ने जैव विविधता को बचाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत बताई है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : World Earth Day 2021 : आज पृथ्वी दिवस है। पृथ्वी के प्रति कर्तव्य का पालन के लिए ही इस दिवस को मनाया जाता है। 22 अप्रैल 1970 को पहला पृथ्वी दिवस मनाया गया। विशेषज्ञों ने जैव विविधता को बचाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत बताई है।
कुमाऊं विवि वनस्पति विज्ञान के प्रो ललित तिवारी के अनुसार 2016 में संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल पर फ्रांस की राजधानी पेरिस में जलवायु परिवर्तन पर सम्मेलन हुआ। पेरिस एग्रीमेंट में 120 देशों ने हस्ताक्षर किए और 195 देश पर्यावरण बचाने को आगे आये। वर्तमान में धरती तक अत्यधिक समस्याएं हैं। जिसमें प्लास्टिक प्रदूषण , पर्यावरण शिक्षा की कमी, पेड़ पौधों का कटान आदि है। प्रो तिवारी के अनुसार इस बार पृथ्वी दिवस की थीम रेस्टोर आवर अर्थ है। जिसमें ग्रीन टेक्नोलॉजी का प्रयोग, पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित करना, जलवायु संकट को रोकना, मृदा की उर्वरकता बचाना प्राथमिकता है। प्रो तिवारी के अनुसार धरती पर 30 फीसद हिस्सेदारी सुरक्षित नहीं है। 12 मिलियन हेक्टेयर की मृदा खराब हो चुकी है। दस में से नौ लोगों को प्रदूषित ऑक्सीजन मिल रही है।
जलवायु परिवर्तन पर लंबे समय से काम कर रहे कुमाऊं विवि भूगोल विभाग के प्रो पीसी तिवारी ने रामगढ़ क्षेत्र के गांवों के अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि पहाड़ों पर भी तापमान बढ़ रहा है। इसका खेती किसानी व जलस्रोतों पर सीधा असर पड़ा है। बंजर भूमि का दायरा बढ़ने से बारिश का पानी बर्बाद हो रहा है।उन्होंने कहा कि धरती को बचाने के लिए अब सरकारों को नीतिगत स्तर पर कड़े कदम उठाने होंगे।
प्रसिद्ध भूविज्ञानी प्रो सीसी पंत कहते हैं कि नदी नालों के किनारे निर्माण पर सख्ती से पाबंदी लगनी चाहिए। उन्होंने केदारनाथ त्रासदी का उदाहरण देते हुए कहा कि केदारनाथ में नदी किनारे अंधाधुंध व्यावसायिक निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के अवैज्ञानिक दोहन पर हर हाल में रोक लगानी ही होगी, तभी जैव विविधता का भी संरक्षण होगा।
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