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इस बार सर्वार्थ सिद्धि व रवि पुष्य योग के विशेष संयोग में पड़ रहा चैत्र नवरात्र

Hindu nav varsh 2022 दो अप्रैल शनिवार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होगी। ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के अनुसार रवि पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग रवि योग नवरात्र को स्वयं सिद्ध बनाएंगे। इसी दिन से ब्रह्माजी ने सृष्टि निर्माण की शुरुआत की थी।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sun, 27 Mar 2022 10:19 AM (IST)Updated: Wed, 30 Mar 2022 06:59 PM (IST)
इस बार सर्वार्थ सिद्धि व रवि पुष्य योग के विशेष संयोग में पड़ रहा चैत्र नवरात्र
चैत्र नवरात्र से भारतीय नववर्ष सम्वत 2079 की शुरुआत होगी।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : चैत्र नवरात्र दो अप्रैल से शुरू होंगे। कहा जाता है कि इसी दिन से ब्रह्माजी ने सृष्टि निर्माण की शुरुआत की थी। इस कारण चैत्र नवरात्र का महत्व बढ़ जाता है। इसी दिन से भारतीय नववर्ष सम्वत 2079 की शुरुआत होगी।

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ज्योतिषियों का कहना है कि इस बार विशेष ग्रह योग-संयोग के कारण नवरात्र में देवी आराधना का विशेष मौका बन रहा है। मनोकामना पूर्ण करने के साथ मातारानी साधकों को सिद्धि प्रदान करेंगी। बाजार में भी रौनक लौटने लगेगी। चैत्र नवरात्रि पूरे नौ दिन रहेगी। शुरुआत दो अप्रैल शनिवार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होगी। ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के अनुसार रवि पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग नवरात्र को स्वयं सिद्ध बनाएंगे।

शनिवार से नवरात्र का प्रारंभ शनिदेव का स्वयं की राशि मकर में मंगल के साथ रहना निश्चित ही सिद्धि कारक रहेगा। इससे कार्य में सफलता, मनोकामना की पूर्ति, साधना में सिद्धि मिलेगी। त्योहार के लिए बाजार सजने लगा है।

देवी प्राकट्य व सृष्टि निर्माण उत्सव ब्रह्म पुराण के अनुसार नवरात्र का धार्मिक महत्व इसलिए भी है, क्योंकि नवरात्र के पहले दिन आद्य शक्ति प्रकट हुई थी। देवी के कहने पर चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को सूर्योदय के समय ही ब्रह्माजी ने सृष्टि के निर्माण की शुरुआत की थी। इस कारण चैत्र नवरात्र को सृष्टि निर्माण उत्सव भी कहा जाता है। चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था। भगवान विष्णु का सातवां अवतार भगवान राम का है, वह भी चैत्र नवरात्र में हुआ था।

नवरात्र के समय ग्रह स्थिति

ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र बेलबाल ने बताया कि मकर राशि में शनि, मंगल के साथ विराजित रहेंगे। कुंभ में गुरु, शुक्र की मौजूदगी रहेगी। सूर्य व बुध मीन में विराजित। मेष में चंद्रमा, वृषभ में राहु, वृश्चिक में केतु विराजमान रहेंगे।

पांच दिन सर्वार्थसिद्धि योग

नवरात्र को शुभ कार्यों के लिए खास माना जाता है। इस बार तीन, पांच, छह, आठ व 10 अप्रैल को सर्वार्थसिद्धि योग होने खरीदारी के लिए और भी शुभ योग बन रहा है। कुछ खास दिवस व नक्षत्र के मेल से यह योग बनता है। ज्वेलरी कारोबारी घनश्याम रस्तोगी, कपड़ा व्यवसायी दलजीत नागपाल का कहना है नवरात्र में व्यापार अच्छा रहने की उम्मीद है।


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