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बेसहारा छात्राओं का सहारा बना दिल्ली का नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट, पढ़ाई से लेकर हुनर सिखाने का उठा रहा जिम्मा

नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के सीइओ व वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. ओपी यादव ने बीते साल से ही कोविडकाल में माता पिता को खो चुके व निर्धन परिवारों के बच्चों को गोद लेने की पहल शुरु की थी।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 06:50 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 06:50 PM (IST)
बेसहारा छात्राओं का सहारा बना दिल्ली का नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट, पढ़ाई से लेकर हुनर सिखाने का उठा रहा जिम्मा
हार्ट इंस्टीट्यूट बालिकाओं को उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण देकर रोजगार देगा ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके।

जागरण संवादाता, अल्मोड़ा : नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट नई दिल्ली ने बाल निकेतन के सात बेसहारा बालिकाओं का सहारा बना है। वह इन बालिकाओं को उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण देकर रोजगार देगा ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके।

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गुरुवार को बाल कल्याण समिति और बालिका निकेतन के अधिकारियों ने सात बालिकाओं को दिल्ली नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट पहुंचा दिया है। नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के सीइओ व वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. ओपी यादव ने बीते साल से ही कोविडकाल में माता पिता को खो चुके व निर्धन परिवारों के बच्चों को गोद लेने की पहल शुरु की थी। उन्होंने इस मामले में संबंधित विभाग व शासन स्तर पर पत्राचार भी किए गए थे। राज्य सरकार के विभिन्न संस्थानों की अनुमति के बाद लगभग 10 बच्चे प्रथम चरण में चुने गए। जिसके बाद बालिका निकेतन से वयस्क हो चुके 10 बालिकाओं को दिल्ली भेजने का निर्णय लिया गया।

बाल संरक्षण अधिकारी राजीव नयन तिवारी ने बताया कि बाल विकास अधिकारी के साथ स्वयं उन्होंने दिल्ली जाकर बच्चों की व्यवस्था का जायजा लिया और नेशनल हार्ट इंस्टटीयूट की व्यवस्था व योजनाओं से संतुष्ट होकर बालिकाओं को उन्हें सौंपने का निर्णय लिया। बालिकाओं की विशेष काउंसलिंग भी की गई। उत्तरायण फाण्डेशन ने इस बच्चों की शिक्षा के साथ उन्हें दिल्ली में रखकर चिकित्सा आदि क्षेत्रों में कौशल विकास कर रोजगार देने की योजना बनाई है।

रुचि के अनुसार जो रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा और इस दौरान उन्हें मानदेय भी दिया जाएगा। फाउंडेशन के सचिव महिपाल सिंह पिलख्वाल ने बताया कि बाल कल्याण समिति सहित अन्य संस्थाएं निरंतर बच्चों से संपर्क बनाए रखेगी। आगामी परीक्षा के बाद अन्य बच्चे भी वहां जाएंगे।


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