हल्द्वानी में छह साल की नन्ही कली को दरिंदों ने दुष्कर्म के बाद उतार दिया था मौत के घाट
Nanhi Kali Murder Case दरिंदगी का एक विभत्स मामला नवंबर 2014 में भी सामने आया था। छह सल की मासूम के साथ अमानवीयता की हदें पार की गई थीं। मामले में हत्यारे को पहले निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई जिसे हाई कोर्ट नैनीताल ने बरकरार रखा।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : Nanhi Kali Murder Case : अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक के लोग हत्यारों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं। दरिंदगी का एक विभत्स मामला नवंबर 2014 में भी सामने आया था।
छह सल की मासूम के साथ अमानवीयता की हदें पार की गई थीं। मामले में हत्यारे को पहले निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई, जिसे हाई कोर्ट नैनीताल ने बरकरार रखा। फिलहाल मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधी है।
पिथौरागढ़ में मासूम के साथ आई थी बिटिया
मामला नवंबर 2014 का है। नन्ही कली पिथौरागढ़ से हल्द्वानी परिवार के साथ एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए आई थी। शीशमहल स्थित रामलीला ग्राउंड में आयोजित समारोह में छह साल की मासूम अचानक से लापता हो गई थी।
गौला से बरामद हुआ था शव
लंबे समय तक मासूम का पता नहीं चला तो जनाक्रोश भड़कने लगा। जनता के रोष को देखते हुए पुलिस -प्रशासन भी हरकत में गया। छह दिन बाद बच्ची का शव गौला नदी से बरामद हुआ। शव बरामद होने के बाद जनाक्रोश और भड़क गया था। पीएम रिपोर्ट में पता चला कि मासूम के दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के काफिले पर आक्रोशित लोगों ने हल्द्वानी में हमला कर दिया था।
क्या था पूरा मामला
- 20 नवंबर 2014 को छह वर्षीय नन्ही कली हल्द्वानी के शीशमहल स्थित रामलीला मैदान में आयोजित विवाह समारोह से लापता हो गई थी।
- वेडिंग पॉइंट से लापता नन्ही कली का शव छह दिन बाद गोला नदी से पुलिस ने बरामद किया।
- मासूम की हत्या से पहले गैंगरेप किया गया था, उसे टॉफी का लालच देकर अगवा किया गया था।
- इस घटना से पूरा कुमाऊँ दहल गया और लोंगो ने सड़को पर उतरकर अपना गुस्सा निकाला। पुलिस ने हत्यारों को पकड़ने के लिए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और राजस्थान आदि राज्यो में सर्च अभियान चलाया।
- घटना के आठ दिन बाद पुलिस ने मुख्य आरोपित अख्तर अली को चंडीगढ़ से पकड़ा, उसकी निशानदेही पर प्रेमपाल और जूनियर मसीह को गिरफ्तार किया गया।
- मार्च 2016 में हल्द्वानी की एडीजे स्पेशल कोर्ट ने अख्तर अली को गैंगरेप और हत्या का दोषी करार देकर फांंसी की सजा सुनाई, जबकि प्रेमपाल को पांच साल की सजा सुनाई गई।
- अक्टूबर 2019 में हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा।
सुप्रीम कोर्ट में है मामला
पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपित बिहार निवासी अख्तर अली समेत पीलीभीत निवासी प्रेमपाल और रुद्रपुर निवासी जूनियर मसीह को गिरफ्तार किया। ये मामला हल्द्वानी के जिला जज की अदालत में चला।
मार्च 2016 को अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए मुख्य अभियुक्त अख्तर अली को फांसी की सजा सुनाई, जबकि प्रेमपाल को पांच साल की सजा सुनाई गई। तीसरे आरोपित जूनियर मसीह को साक्ष्य के अभावों मव बरी कर दिया गया। हालांकि निचली अदालत के फैसले पर दोनों पक्ष सर्वोच्च न्यायालय में गए हुए हैं।