Scholarship scam uttarakhand भौतिक सत्यापन में अभ्यर्थियों के नाम पते गायब, खंगाले जा रहे बैंक खाते
दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की वजांच कर रही एसआइटी भौतिक सत्यापन के दौरान 100 से अधिक लाभार्थियों के नाम और घरों का पता नहीं चल पाया है।
रुद्रपुर, जेएनएन : दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की वजांच कर रही एसआइटी भौतिक सत्यापन के दौरान 100 से अधिक लाभार्थियों के नाम और घरों का पता नहीं चल पाया है। ऐसे में एसआइटी अब उनके बैंक खातों की मदद से उन तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इसके लिए बैंकों से संपर्क किया जा रहा है।
एससी, एसटी और ओबीसी के छात्रों के लिए दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की पुष्टि होने पर एसआइटी ने जांच शुरू कर दी थी। पहले चरण में बाहरी राज्यों के शैक्षिक संस्थानों में अध्ययनरत 3034 छात्रों का भौतिक सत्यापन कर पूछताछ शुरू की थी। साक्ष्य के आधार पर एसआइटी ने जिले में 38 केस दर्ज कर 24 बिचौलियों को गिरफ्तार किया था। साथ ही शेष पांच सौ से अधिक बाहरी राज्यों के लाभार्थियों से पूछताछ का सिलसिला जारी रहा।
एसआइटी सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान छात्रवृत्ति लेने वाले लाभार्थियों का जब टीम ने घर घर जाकर भौतिक सत्यापन करना शुरू किया तो 100 से अधिक ऐसे छात्र मिले, जिनके घर का पता और नाम की तस्दीक नहीं हो पाई। अब एसआइटी इन लोगों तक पहुंचने के लिए बैंक खाते की मदद ले रही है। इसके लिए एसआइटी ने बैंक अधिकारियों से संपर्क कर उनके खाते का रिकॉर्ड मांगा है। एसआइटी अधिकारियों की मानें तो बैंक खातों के जरिए लाभार्थियों तक पहुंचकर पूछताछ की जाएगी। उनकी संलिप्तता मिली तो उनके खिलाफ भी केस दर्ज किया जाएगा।
75 लोगों से हुई मोबाइल कॉलिंग से पूछताछ
कोरोना संक्रमण के चलते एसआइटी घर घर जाकर लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन नहीं कर पा रही है। ऐसे में एसआइटी मोबाइल काङ्क्षलग के जरिए उनसे पूछताछ कर रही है। सोमवार को एसआइटी ने जिले के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, खटीमा, सितारगंज में मोबाइल कॉलिग से 75 छात्र-छात्राओं से छात्रवृत्ति के संबंध में पूछताछ की। इसमें से कुछ लोगों ने उनके नाम पर फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति लिए जाने की बात भी कबूल की है। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही उनके लिखित बयान भी लिए जाएंगे।