हल्द्वानी, जागरण संवाददाता: Kathgodam-Haidakhan Road: काठगोदाम से दो किमी आगे भारी भूस्खलन की वजह से बंद पड़ी हैड़ाखान रोड को खुलवाने में लोनिवि जुटा हुआ है लेकिन भूस्खलन के लिहाज से बेहद संवेदनशीन श्रेणी में शामिल हो चुकी इस जगह पर काम करना खतरे से खाली नहीं है। मशीनों से मलबा साफ हो रहा है, लेकिन एक छोर पर तीन बड़े पेड़ों की वजह से मंगलवार को दिक्कत आ गई।
वन विभाग का लिया जाएगा सहयोग
हादसे की आशंका के मद्देनजर पेड़ों का कटान होने के बाद ही आगे बढ़ा जा सकता है। इसलिए मलबा हटा रही मशीन आगे नहीं बढ़ सकी। वन विभाग के सहयोग से पेड़ों को हटाया जाएगा। कुल मिलाकर इस सड़क से जुड़े 200 गांवों की उम्मीद इन पेड़ों की वजह से अटकी नजर आ रही है।
15 नवंबर से बंद है रास्ता
15 नवंबर के बाद से हैड़ाखान रोड बंद है। ऐसे में हजारों ग्रामीणों को रोजाना नई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क को पुन: सुचारू करने का जिम्मा लोनिवि प्रांतीय खंड के पास है। बुलडोजर व डोजर के जरिये सड़क खोलने की कोशिश लगातार जारी है। मंगलवार को भी एई मनोज पांडे की निगरानी में काम जारी था, लेकिन पेड़ों की वजह से रुकावट का सामना करना पड़ा। वहीं, मामले को लेकर रेंजर छकाता बीएस मेहता ने बताया कि लोनिवि को हरसंभव मदद की जाएगी।
पहाड़ के लोगों का संकट भरा सफर
कुमाऊं की आर्थिक राजधानी और प्रवेशद्वार हल्द्वानी से चंद किमी की दूरी पर हजारों ग्रामीणों की सड़क बंद पड़ी है। बच्चे, युवा, महिलाएं, बुजुर्ग व बीमार सब परेशानी से गुजर रहे हैं। हल्द्वानी से टेंपो में बैठ काठगोदाम से दो किमी दूर पहुंचना पड़ता है। उसके बाद सामान के भार संग एक किमी पहाड़ी को पैदल चढ़ो। दूसरी तरफ पहुंचकर घंटों इंतजार के बाद कोई गाड़ी मिलती है।
प्राथमिक सर्वे पूरा, पहले ढूंढेंगे शार्ट टर्म समाधान
टिहरी हाइड्रो डेवलेपमेंट कारपोरेशन (टीएचडीसी) के विशेषज्ञों ने मंगलवार को लोनिवि के अधिकारियों संग भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र का बारीकी से सर्वे किया। टीम अब दून को रवाना होगी। एई मनोज पांडे ने बताया कि एक तरह से प्री फिजिबिलिटी टेस्ट किया गया था। जल्द इसकी रिपोर्ट आएगी। जिससे शार्ट टर्म उपाय सामने आएगा। लंबे समय यानी इस क्षेत्र को भूस्खलन के खतरे से बाहर निकालने के लिए दूसरे चरण में टीएचडीसी विस्तृत सर्वे करेगी। लोनिवि के अनुसार टीएचडीसी की रिपोर्ट और सुझाव अहम साबित होंगे। टीम में डीजीएम पीडी सिंह, सीनियर मैनेजर जेआर कोठारी, सर्वेयर बलराम व विभागीय अधिकारी थे।
सड़क को घुमाने के लिए हुआ पेड़ों का सर्वे
मौजूदा स्थल पर भूस्खलन और पहाड़ी के अति संवेदनशीन जोन में होने की वजह से लोनिवि एक और विकल्प पर काम कर रहा है। इसके तहत सड़क का एलाइनमेंट बदला जाएगा। 2.2 किमी जंगल क्षेत्र से घूमने के बाद यह आगे कनेक्ट हो जाएगी, तब रोड की जद में पेड़ भी आएंगे। मंगलवार को लोनिवि व वन विभाग ने इस क्षेत्र का सर्वे किया था। कुछ काम अभी बाकी है। उसके बाद कटान वाले पेड़ों की फाइनल स्थिति पता चलेगी। अनुमान करीब 150 का है।